नई दिल्ली: एक तरफ एमसीडी के अस्पतालों के डॉक्टर सैलरी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, वहीं दूसरी तरफ अब तीनों निगमों के मेयर मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए हैं. इनकी मांग है कि दिल्ली सरकार एमसीडी के 13 हजार करोड़ के बकाए का भुगतान करे. इनका यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री मिलने तक का समय नहीं दे रहे हैं. हालांकि केजरीवाल सरकार के कद्दावर मंत्री सतेन्द्र जैन ने इन्हें आज सचिवालय में मिलने के लिए समय दिया लेकिन इन्होंने सीएम के अलावा किसी से भी मिलने की बात नहीं कही.
'नहीं आया पत्र का जवाब'
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने बताया कि तीनों मेयरों ने संयुक्त रूप से 19 अक्टूबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि दिल्ली सरकार निगमों के बकाए का भुगतान करे, लेकिन उसका कोई जवाब तक नहीं आया. उन्होंने बताया कि 2019-20 तक का ही पूर्वी दिल्ली का 3 हजार करोड़ बकाया है. वहीं उत्तरी दिल्ली निगम के मेयर जयप्रकाश ने कहा कि उनका 6 हज़ार करोड़ बकाया है.
'सरकार नहीं खोल रही द्वार'
निगम को ज्यादा पैसे देने के दिल्ली सरकार के दावे को लेकर सवाल करने पर जयप्रकाश ने कहा कि अगर ये साबित कर दें कि एक पैसा भी ज्यादा दिया है, तो हम यही पर इस्तीफा दे देंगे और हम साबित करते हैं कि हमारे पैसे बकाया है, तो ये इस्तीफा दें. जयप्रकाश ने यह भी कहा कि आज सरकार सरकार के द्वार पर आई है, लेकिन ये दरवाजे तक नहीं खोल रहे.