नई दिल्लीः कंझावला में 20 साल की युवती की कार से घसीटकर मारे जाने के मामले में आरोपियों पर पुलिस अब आईपीसी की धारा 302 लगाएगी. इस धारा में हत्या के अपराध में मौत की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा मिल सकती है. मामले के सात आरोपियों में से छह पर शुरुआत में गैर इरादतन हत्या से संबंधित धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस अपराध में जुर्माने के अलावा आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा मिल सकती है, जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.
अतिरिक्त सेशल जज सुशील बाला डागर की अदालत ने आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत आवेदन के आदेश को सुरक्षित रखा है. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस इस मामले में धारा 302 लगाएगी. उन्होंने कहा कि भारद्वाज ने वैसे व्यक्ति को कार उपलब्ध कराई, जिसके पास गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस तक नहीं था. इतना ही नहीं, उसने कई सूचनाओं को छुपाया और उसने कार की ड्राइविंग किसी और आरोपी द्वारा किए जाने की बात कही. भारद्वाज के वकील ने गुरुवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
बता दें, विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली एक जांच समिति की ओर से प्रस्तुत एक रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है. गृह मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, दिल्ली पुलिस को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 लागू करने के लिए कहा था. पुलिस ने दो जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृषण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. इसके चार दिनों बाद आशुतोष भारद्वाज को गिरफ्तार किया था. एक अन्य आरोपी अंकुश ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था, जिसे अगले दिन जमानत मिल गई.