नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला वापस ले लिया. दिल्ली विधानसभा अनुसंधान केंद्र फेलोशिप कार्यक्रम के तहत रिसचर्स की सेवाएं वापस लेने के दिल्ली विधान सभा सचिवालय के आदेश पर पहले से लगाई गई रोक को हाईकोर्ट ने हटा दिया है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया है.
हाईकोर्ट ने लिया फैसला वापस: न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले फेलो की सेवाओं को समाप्त करने वाले पत्र पर रोक नहीं लगाने का फैसला किया था. इसलिए हाई कोर्ट को कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं करना चाहिए था जो दिल्ली विधानसभा सचिवालय के आदेश पर प्रभावी रूप से रोक लगाता हो.
हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के लिए उचित स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए शीर्ष अदालत से संपर्क करने का विकल्प हमेशा खुला है. न्यायमूर्ति प्रसाद ने 21 सितंबर को अपने अंतरिम आदेश में दिल्ली विधानसभा सचिवालय के आदेश पर रोक लगा दी थी और यह बताने के लिए कहा था कि जब अध्यक्ष ने स्वयं निर्णय पर आपत्ति जताई थी तो वह अध्येताओं की बर्खास्तगी पर क्यों सहमत हुए थे.