नई दिल्ली: सर्दियों के दौरान दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है. वायु प्रदूषण बढ़ने से हवा जहरीली ऐसी होती है कि सांस लेना तक दूभर हो जाता है, तमाम एहतियात बरतने के बाद भी तब समस्या का समाधान नहीं हो पाता. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अभी से एक्शन प्लान तैयार किया है. 1 सितंबर से इसे सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि दिल्लीवासियों को इस वर्ष प्रदूषण से राहत मिल सके.
सर्दियों में होने वाले प्रदूषण के लिए एक्शन प्लान हुआ तैयार 13 हॉट स्पॉट किए गए चिन्हित
दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिहाजे से 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं. जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. इन हॉटस्पॉट में वजीरपुर, रोहिणी, आरके पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, विवेक विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका, नरेला, बवाना, मुंडका क्षेत्र शामिल है.
कचरा जलाने पर सख्ती
इन इलाकों में कचरा जलाने पर सख्ती की जाएगी. इस कारण सर्दियों में दिल्ली के लोगों को वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है. वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार ने इस बाबत गंभीर रुख अपनाया है. सरकार ने नगर निगम उपायुक्त को नोडल अफसर नियुक्त कर उसे नियमित प्रगति की रिपोर्ट देने को कहा है. यह व्यवस्था वायु प्रदूषण नियंत्रण में सहायक होगा.
15 अक्टूबर से 15 मार्च तक लागू होगा एक्शन
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन लागू रहता है. फिर भी वायु प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो पाता है. दिल्ली सरकार बढ़ते प्रदूषण पर ऑड-इवन लागू करती है. निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है. इस साल वायु प्रदूषण से बचने के लिए कई स्तरों पर प्रयास शुरू किए जा रहे हैं.
वहीं पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (EPCPA) भी पराली को लेकर हर पखवाड़े दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहा है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव ने दिशा-निर्देश जारी किया है.
उपायुक्त होंगे नोडल अधिकारी
इसके तहत पूर्वी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के उपायुक्तों को नोडल अधिकारी बनाया गया है. इन्हें दिल्ली के सभी 13 हॉटस्पॉट के प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए नियमित तौर पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. सर्दी के महीने में इन्हें हर रोज शाम 6 बजे तक अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव और पर्यावरण विभाग को ईमेल करनी होगी. साथ ही प्लास्टिक कचरे का निस्तारण भी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के अनुरूप ही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
कोरोना काल में कचरा प्रदूषण ज्यादा परेशानी पैदा ना करें, इसके लिए स्थानीय निकायों को भी इससे एकत्र करने और निस्तारण दोनों नियमों के तहत करने काम करने को कहा गया है. मुख्य सचिव की ओर से प्लास्टिक कचरा निस्तारण संबंधी जानकारी हर तीन दिन में देने के आदेश दिए गए हैं.