नई दिल्ली : दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस राजीव श्रीवास्तव होंगे. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से भेजे गए सुझाव के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जस्टिस राजीव श्रीवास्तव को डीईआरसी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. ये जस्टिस शबीहुल हुसनैन की जगह अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे. जस्टिस राजीव श्रीवास्तव मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं.
इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले वर्षों में बिजली के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है. जस्टिस राजीव श्रीवास्तव के सक्षम प्रशासन के तहत डीईआरसी का अधिक से अधिक कामकाज को देखना है. उन्होंने जस्टिस राजीव श्रीवास्तव को ट्वीट कर बधाई दी है.
दिल्ली विद्युत अधिनियम 2003 के तहत आयोग का अध्यक्ष और सदस्य पांच साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक पद पर रह सकता है. आयोग में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं. अब नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद वर्ष 2023-24 के लिए बिजली की दरों की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है.
नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही डीईआरसी बिजली की नई दरें घोषित कर सकता है. अमूमन अप्रैल में नई दरें घोषित हो जाती है. मार्च में इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है. बिजली वितरण कंपनियां घाटे का हवाला देकर बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही है. वहीं राजनीतिक पार्टियां, व्यापारी और अन्य उपभोक्ता बिजली बिल का बोझ कम करने की मांग कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव को डीईआरसी का अध्यक्ष नियुक्त करने को लेकर अपनी मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डीईआरसी के अध्यक्ष के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजीव कुमार के नाम पर मुहर लगाने के बाद अब फाइल उपराज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजी गई है. उपराज्यपाल से फाइल को मंजूरी मिलने के बाद राजीव कुमार श्रीवास्तव डीईआरसी के वर्तमान अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश शबिहुल हसनैन की जगह लेंगे और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद डीईआरसी के अध्यक्ष का पद ग्रहण करेंगे.
इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल डीईआरसी के पिछले दो अध्यक्षों की नियुक्ति में सरकार के फैसलों पर सहमत थे और उन्होंने सरकार के फैसलों से असहमति नहीं जताई थीे.
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