नई दिल्ली: दिल्ली में आई बाढ़ ने लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है. लोगों को अपना घर छोड़ कर सरकार के बनाए हुए राहत शिविर में आना पड़ा. कहीं टेंट लगाए गए तो कहीं सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग में लोगों को रखा गया. अब इधर, दिल्ली सरकार ने बाढ़ से पीड़ित लोगों को 10 हजार रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है.
बाढ़ पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से खाने पीने के साथ मेडिकल की सुविधा दी गई. हालांकि, शुरुआत के दिनों में कई राहत शिविर केंद्रों से यह समस्या सामने निकलकर आई कि लोगों को खाने-पीने में काफी दिक्कतें आ रही है. इसके बाद सरकार ने अपने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वह राहत बचाव शिविर में जाए और लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल रही है या नहीं, इसकी जांच करें. बहरहाल, अब यमुना का पानी कम होने लगा है. राहत शिविर में रहने वाले लोगों को अपने घर जाने का इंतजार है. हालांकि, सरकार ने कहा है कि जब तक यमुना का जलस्तर कम न हो जाए और बाढ़ का खतरा टल न जाए कोई भी लोग अपने घरों में नहीं जाएंगे.
फूड डिपार्टमेंट के अफसर ने क्या बताया:फूड डिपार्टमेंट के अफसर हरीश कुमार ने बताया कि यहां सरकार की तरफ से मूलभूत सुविधाएं दी जा रही है. इसके अलावा यहां कई एनजीओ भी पैक्ड खाना लोगों को दे रही है. खाना बांटने से पहले हम उसकी गुणवत्ता जांच लेते हैं. उन्होंने बताया कि खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं है. यहां पर तीन टाइम भोजन आता है. उन्होंने बताया कि सुबह दोपहर के बीच पानी का टैंकर भी यहां पर मौजूद रहता है. इसके अलावा यहां सुबह से शाम 4 बजे तक मेडिकल की टीम भी बैठती है. मेडिकल टीम की ओर से बताया गया कि अभी लोगों में फ्लू की समस्या आ रही है. इसके अलावा अन्य दवाइयां भी दी जा रही है.
जहां जहां दिल्ली सरकार के द्वारा शिविर लगाए गए हैं वहा डीएम एसडीएम द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. यहां पर लोगों के नाम, अकाउंट नंबर, आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ ले रहे हैं और वेरिफाई कर रहे हैं. दस्तावेज में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पहचान पत्र, बिजली का बिल, राशन कार्ड प्रूफ है. लोगों के पास इन दस्तावेज से संबंधित कुछ तो होना चाहिए. हम चाहते हैं कि जो बाढ़ पीड़ित हैं उन्हें मुआवजा दिया जाए. -श्रीचंद वोहरा, बदरपुर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और पार्षद प्रतिनिधि