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Delhi Mayor Election: पीठासीन अधिकारी के लिए दिल्ली सरकार ने मुकेश गोयल का नाम LG को भेजा

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Published : Apr 21, 2023, 3:48 PM IST

पिछली बार की चूक से बचते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार पहले ही पीठासीन अधिकारी के नाम की फाइल को LG को भेज दिया है. सरकार ने AAP पार्षद मुकेश गोयल को पीठासीन अधिकारी बनाने की मंजूरी दी है. पिछली बार मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी का नाम उपराज्यपाल ने सीधे तय कर दिया था. जिस पर काफी हंगामा हुआ था.

मुकेश गोयल
मुकेश गोयल

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के तौर पर मुकेश गोयल के नाम को मंजूरी दी है. यह फाइल उपराज्यपाल कार्यालय को अंतिम मंजूरी के लिए भेज दी गई है. गोयल के नाम पर अगर उपराज्यपाल को कोई आपत्ति होगी तो वह फाइल राष्ट्रपति के पास भेजेंगे.

दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल हैं. जो पहले कांग्रेस में थे. उन्हें आम आदमी पार्टी ने निगम सदन का नेता नियुक्त किया है और इस बार मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी के लिए नाम तय कर फाइल उपराज्यपाल को भेज दी है. पिछली बार मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी का नाम उपराज्यपाल ने सीधे तय कर दिया था. जिस पर काफी हंगामा हुआ, क्योंकि AAP सरकार का कहना था कि बिना सरकार की सहमति या सुझाव के उपराज्यपाल पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं कर सकते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस बार दिल्ली सरकार ने पहले ही अपनी तरफ से मुकेश गोयल का नाम भेज दिया.

शैली पर AAP ने जताया दोबारा भरोसाः आम आदमी पार्टी (AAP) ने मेयर चुनाव के लिए वर्तमान मेयर शैली ओबरॉय को ही दोबारा प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी की तरफ से शिखा राय ने मेयर चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है. वह निगम में वरिष्ठ पदों पर रह चुकी हैं. इसलिए पार्टी ने इस बार उन्हें खड़ा किया है.

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मेयर चुनाव का यह है समीकरणः मेयर चुनाव के समीकरण की बात करें तो आंकड़ा पूरी तरह आम आदमी पार्टी के साथ है. दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के कुल 134 निगम पार्षद हैं. वहीं, बीजेपी के 104 निगम पार्षद हैं. कांग्रेस के 9 निगम पार्षद हैं, जबकि निर्दलीय पार्षदों की संख्या 3 है. चुनाव के लिए दिल्ली के लोकसभा व राज्यसभा सदस्य और मनोनीत विधायक सदस्यों को मिलाकर कुल 274 मतों में से 149 वोट अभी भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में है. जबकि, 114 वोट बीजेपी के पास है. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो आम आदमी पार्टी का दोबारा मेयर चुना जाना तय है.

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