नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली देश की सबसे ज्यादा आधुनिक शहरों में से एक है. प्रदूषण दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या है, दिल्ली सरकार लगातार लोगों को ई-व्हीकल पर शिफ्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. कई तरह की रियायत ई-बाइक, ई-स्कूटी और ई-कार चलाने वालों को दी जा रही है. केंद्र सरकार के 2018 के एक नोटिफिकेशन के अनुसार किशोर सशर्त गियरलेस ई-स्कूटी चला सकते हैं, दिल्ली सरकार ने अब तक इस फैसले को लागू नहीं किया है. जिसके चलते राजधानी में इलेक्ट्रिक स्कूटी चलाने की चाहत रखने वाले 16 वर्ष के किशोर निराश हैं. दिल्ली सरकार उन्हें इलेक्ट्रिक स्कूटी चलाने के लिए लाइसेंस नहीं दे पा रही है.
इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए किशोर को लाइसेंस नहीं, कैसे बनेगी ई-व्हीकल वाली दिल्ली - nitin gadkari
राजधानी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों का शहर बनाने की तरफ दिल्ली सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है. इसे लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले भी दिल्ली सरकार ने लिए हैं. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले को उन्होंने अभी तक लागू नहीं किया है. इन्हीं फैसलों में से एक था ई व्हीकल चलाने वाले किशोरों को सशर्त लाइसेंस देना. लेकिन क्या वाकई राजधानी में 18 से कम उम्र के किशोर-किशोरियों को दिल्ली सरकार लाइसेंस दे रही है?
नहीं बना लाइसेंस
प्रसाद नगर निवासी अनिल सिंघल ने बताया कि बीते 18 फरवरी को उनका बेटा अनमोल सिंघल 16 साल का हो गया. वो उसे इलेक्ट्रिक स्कूटी गिफ्ट करना चाहते थे. लेकिन इससे पहले उन्होंने अपने बेटे का इलेक्ट्रिक स्कूटी का लाइसेंस बनवाना चाहा. वो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में जब अपने बेटे के लिए लाइसेंस बनवाने पहुंचे तो उन्हें बड़ी निराशा हुई. उन्हें बताया गया कि 16 वर्ष के बच्चों का इलेक्ट्रिक स्कूटी का लाइसेंस नहीं बनाया जाता है. उन्हें इस बाबत दिल्ली सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला हुआ है. उन्होंने वहां मौजूद अधिकारी को केंद्र सरकार का गजट नोटिफिकेशन और हरियाणा से बने हुए एक लाइसेंस की कॉपी भी दिखाई. लेकिन इसके बावजूद लाइसेंस नहीं बनाया गया.
केंद्र सरकार ने निकाला था गजट नोटिफिकेशन
अनिल सिंघल ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है. इस दिशा में केंद्र सरकार ने 2018 में महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. इसके तहत 16 वर्ष के किशोर को बिना गियर वाली इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया था. लेकिन इसमें शर्त रखी गई थी कि गाड़ी की अधिकत्तम गति 70 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए. इसके साथ ही गाड़ी में चार किलो वाट की बैटरी लगी होनी चाहिए. इसे लेकर 20 दिसंबर 2018 को गजट नोटिफिकेशन निकाला गया जिसके बाद राज्यों को यह लाइसेंस बनाने थे. लेकिन दिल्ली सरकार दो साल बाद भी इसे लेकर लाइसेंस नहीं बना रही है.
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मंत्रालय को शिकायत भेज हस्तक्षेप की मांग
अनिल सिंघल ने बताया कि दिल्ली सरकार के रवैये से उन्हें काफी निराशा हुई है. एक तरफ वह इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना चाहते हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ युवाओं को इसके लिए लाइसेंस नहीं दे रहे. वो भी तब जब केंद्र सरकार ने इसके लिए प्रावधान किया हुआ है. उन्होंने केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय को इस बाबत शिकायत की है. उन्होंने मांग की है कि वो दिल्ली सरकार को निर्देश दें कि वो उनके द्वारा तय किये गए नियमों का पालन करें और 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को इलेक्ट्रिक स्कूटी चलाने के लिए लाइसेंस जारी करें.