नई दिल्ली: चुनाव नजदीक हैं और दिल्ली वालों को जल्द से जल्द फ्री वाई-फाई देने के लिए केजरीवाल सरकार कोशिश कर रही है. दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने विधानसभा में बताया कि वाई-फाई लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं ये टेंडर प्रक्रिया सितंबर में पूरी हो जाएगी. अक्टूबर महीने में वाईफाई के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हॉटस्पॉट लगाने का काम शुरू हो सकेगा.
दिल्ली में वाई-फाई के लिए जारी हुए टेंडर सदन में सदस्यों की ओर से सवाल पूछा गया कि वाईफाई की सुविधा कब से लोगों को मिलने लगेगी? जिस पर जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा कि वाई-फाई लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. टेंडर प्रक्रिया सितंबर में पूरी हो जाएगी उसके बाद अक्टूबर महीने में वाई-फाई के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हॉटस्पॉट लगाने का काम शुरू हो सकेगा.
हर विधानसभा में 100 जगहों पर लगेंगे हॉट-स्पॉट
ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में 100 जगहों पर फ्री वाई-फाई सुविधा देने के लिए हॉट-स्पॉट लगाए जाएंगे. इसके अलावा 4000 बस स्टॉप पर हॉट-स्पॉट लगाए जाएंगे और लोगों को वाईफाई मिलने लगेगी.
दिल्ली की सत्ता में आने से पहले केजरीवाल सरकार ने बिजली बिल हाफ, पानी बिल माफ और फ्री वाई-फाई देने का ऐलान किया था. जिसमें से फ्री वाईफाई देने के वादे को सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पाई थी. पिछले दिनों ही वाईफाई योजना पर काम करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बताया कि दिल्ली सरकार ने वाईफाई सुविधा देने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है. मगर इसे लागू करने में कम से कम 3 से 4 महीने का समय लगेगा.
अब विधानसभा सत्र में जिस तरह सत्येंद्र जैन ने वाई-फाई के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी होने की जानकारी दी, इससे सदस्यों में काफी खुशी है कि सरकार जल्द से जल्द अपने इस वादे को पूरा कर देगी और इसका लाभ उन्हें चुनावी वर्ष में मिल सकेगा.
दिल्ली सरकार वाई-फाई योजना के लिए राजधानी में 11,000 जगहों पर हॉटस्पॉट जोन बनाएगी. जहां हर महीने15 जीबी डाटा एक उपभोक्ता इस्तेमाल कर सकता है. बता दें सीएम केजरीवाल से जब ये पूछा गया कि आज जब इंटरनेट इतना सस्ता हो गया है, इस सुविधा से आम लोगों को क्या फायदा होगा? तो जवाब में उन्होंने कहा कि आज भी जब वो युवाओं से मिलते हैं वह फ्री वाई-फाई सुविधा की मांग करते हैं. जो डाटा वह पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें और ये बोनस की तरह होगा.