नई दिल्ली: कोरोना महामारी काल में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिस तरह दिल्ली सरकार प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कर रही है. मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध कराने में सहूलियत हो इसलिए दिल्ली सरकार ने तय किया है कि दिल्ली में प्लाज्मा बैंक बनाएंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि ये पूरे देश में शायद पहला प्लाज्मा बैंक होगा. इसका मकसद है कि कोरोना संक्रमित मरीज, जो ठीक हो चुके हैं, वे अपना प्लाज्मा देकर दूसरे को बचा सकते हैं.
प्लाज्मा के लिए भटक रहे हैं लोग
सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में बेड की बहुत समस्या थी. लोग अस्पतालों में दर-दर की ठोकरें खाते थे और भटकते रहते थे. अब ये समस्या दूर हो गई है. 13.5 हज़ार बेड उपलब्ध है और 7.5 हज़ार बेड खाली है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में प्लाज्मा को लेकर के काफी अफरातफरी मची हुई है. लोगों को फोन आ रहे हैं कि प्लाज्मा दिलवा दीजिए. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कोरोना से संक्रमित हो गए थे. उन्हें भी प्लाजमा थेरेपी दिया गया और वे ठीक हैं.
प्लाज्मा थेरेपी का दिल्ली में हुआ इस्तेमाल
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य यहां के सरकारी अस्पताल में 29 मरीजों के ऊपर ट्रायल हुआ और जो नतीजे आए वो उत्साहवर्धक है. उन्होंने कहा कि कोरोना में तो समस्याएं होती हैं कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर जाता है और रेस्पिरेशन का लेवल बहुत बढ़ जाता है. ये देखने में आया है कि अगर समय पर प्लाज्मा दे दिया जाए तो ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है और रेस्पिरेशन लेवल भी गिर जाता है.