नई दिल्ली:साइबर ठगी के शिकार लोगों के पैसे बचाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर से गत 32 माह में दिल्ली वालों के 164 करोड़ रुपये ठगों के पास जाने से रोके गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की ओर से हेल्पलाइन को अप्रैल 2021 को शुरू किया गया था. यह हेल्पलाइन नंबर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित की जा रही है. हेल्पलाइन की खासियत यह है कि इसका संचालन सभी राज्यों में स्थानीय पुलिस कर रही है. हेल्पलाइन नंबर को 63 बैंक, ई-वालेट समेत अन्य लगभग सभी आनलाइन पैसों के लेनदेन के डिजिटल माध्यमों से जोड़ा गया है.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन स्ट्रैटिक आपरेशंस (आइएफएसओ) के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि ठगी की शिकायत मिलते ही सबसे पहले संबंधित बैंक व वालेट (जिसमें ठगी का पैसा भेजा जा रहा है) को अलर्ट संदेश भेजा जाता है. इसके अलावा जिस बैंक से पैसे भेजे जा रहे हैं, उसे भी अलर्ट संदेश भेज दिया जाता है. इससे पैसे ठगों के पास पहुंचने से पहले रोक दिया जाता है. वहीं, यदि पैसे ठगों के बैंक व वालेट में चले गए हैं तो उसे फ्रीज कर दिया जाता है. यह सब तभी संभव को पाता है जब पीड़ित ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर देता हैं. इससे तुरंत जांच करके पता लगा लिया जाता है कि पीड़ित का पैसा कहां तक पहुंचा है. ठग ठगी की रकम को कुछ ही मिनट में कई बैंक खातों और ई-वालेट में भेजते हैं, ऐसे में समय से सूचना मिलने पर बैंक को अलर्ट कर रकम को ब्लाक किया जाता है.
31 हजार 224 पीड़ितों के 164 करोड़ रुपये बचाए:हेल्पलाइन की मदद से दिल्ली के अभी तक 31,224 पीड़ितों के 164 करोड़ रुपये बचाए गए हैं. बचाई गई रकम को बाद में कोर्ट द्वारा पीड़ितों को दिया जा रहा है. प्रशांत गौतम का कहना है कि हेल्पलाइन नंबर प्रति दिन ठगी के 600 से अधिक कॉल आते हैं. हालांकि इनमें से करीब 100 कॉल ही नई व काम की होती है. अन्य काल पुराने मामलों का पता करने के लिए होती हैं.
जब हो जाए ठगी तो ना भूले यह नंबर 1930:केंद्र ने साइबर माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक नया हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया है. ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोग साइबर क्राइम के खिलाफ अपनी शिकायतों के लिए यह सेवा शुरू की गईं.