नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूरे देश में वोटिंग चल रही है. इस बीच दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने चुनाव जिस पैटर्न पर अभी तक कराया जा रहा है उस पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि दिल्ली के एक विधायक व जनप्रतिनिधि के वोट की जो वैल्यू है, वह वर्ष 1971 की जनगणना पर आधारित है. इसमें अब संशोधन किया जाना चाहिए. कम से कम 2011 की जनगणना को ही आधार बनाते हुए जनप्रतिनिधियों के वोट का वैल्यू तय होना चाहिए था. यह लोकतंत्र के लिए एक सोचनीय विषय है.
सोमवार को दिल्ली विधानसभा में भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से वोटिंग चल रही है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य विधायक अभी तक अपना वोट डाल चुके हैं. बीजेपी के सभी आठों विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल किया. दोपहर 12 बजे के करीब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपना वोट डाला.
इसी क्रम में दिल्ली विधानसभा में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि "राष्ट्रपति चुनाव में सीधे तौर पर किसी भी राज्य के विधानसभा का कोई रोल नहीं होता. विधानसभा व अध्यक्ष की भूमिका इतनी होती है कि विधान सभा परिसर में जहां वोटिंग हो वह जगह उपलब्ध कराए, मतदान पेटी की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा मतदान में जो कर्मचारी, अधिकारी की जरूरत हो, वह उपलब्ध कराना. बाकी दिल्ली के तमाम विधायक, लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य यहां आकर अपना वोट डालते हैं."