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प्रदूषण को रोकने में पिछड़ी तीनों निगम, त्योहारी सीजन में दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली - छैल बिहारी गोस्वामी

दिल्ली के अंदर त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण की समस्या एक बार फिर विकराल होती जा रही है. राजधानी में हर साल इसी त्योहारी सीजन में प्रदूषण की समस्या भयावह रूप ले लेती है. इसको लेकर नॉर्थ एमसीडी के नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी ने ईटीवी भारत से बात की.

प्रदूषण को रोकने में पिछड़ीं तीनों MCD
प्रदूषण को रोकने में पिछड़ीं तीनों MCD

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Published : Oct 17, 2021, 6:57 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए निगमों द्वारा किए जा रहे सभी वादे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. ना तो निगम के द्वारा पानी के टैंकर की सहायता से छिड़काव करवाया जा रहा है और ना ही निगम के द्वारा अन्य जरूरी कदम उठाए गए हैं. साथ ही नॉर्थ एमसीडी को स्वच्छ भारत अभियान के तहत मिले वाटर टैंकर निगम के कार्यालय में खड़े खड़े सड़ रहे है. नॉर्थ MCD के नेता सदन द्वारा राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

दिल्ली के अंदर त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण की समस्या एक बार फिर विकराल होती जा रही है. राजधानी में हर साल इसी त्योहारी सीजन में प्रदूषण की समस्या भयावह रूप ले लेती है. जो सर्दी शुरू होने से लेकर उसके अंत तक बनी रहती है. इस साल भी कुछ ऐसा ही हाल राजधानी में होता हुआ नजर आ रहा है.

प्रदूषण को रोकने में पिछड़ीं तीनों MCD

राजधानी में अभी से ही प्रदूषण का स्तर आसमान को छूने लगा है. दिल्ली सरकार से लेकर तीनों निगमों तक प्रदूषण पर लगाम लगाने के मद्देनजर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार के द्वारा प्रदूषण के मद्देनजर एक्शन प्लान की घोषणा किए जाने के बाद दिल्ली नगर निगम के तीनों विभाग नॉर्थ ईस्ट और साउथ के द्वारा भी विंटर एक्शन प्लान तैयार कराया गया है, लेकिन अभी तक निगमों द्वारा इन एक्शन प्लान के तहत प्रदूषण पर लगाम लगाने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.

बीते कुछ सालों से लगातार दिल्ली के अंदर प्रदूषण पर लगाम लगाने के मद्देनजर निगमों के द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन दावों की सच्चाई और हकीकत जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिलती है. इस साल भी निगमों के द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक निगमों द्वारा प्रदूषण पर लगाम लगाने को मद्देनजर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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ना तो पानी के टैंकर की सहायता से पानी का छिड़काव करवाया गया है और ना ही अन्य जरूरी कदम उठाए गए हैं. हालात का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि नॉर्थ MCD के कुछ कार्यालयों में साल 2019 से पानी के करीब 104 वाटर टैंकर खड़े-खड़े सड़ रहे है. जो नॉर्थ MCD को स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार से मिले फंड के बाद खरीदे गए थे. इन सभी टैंकर्स का पिछले तीन साल से निगम में प्रयोग नहीं किया है.


दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर पर नॉर्थ MCD के नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी ने तीनों निगमों की तरफ पक्ष रखते हुए कहा कि नगर निगमों के द्वारा प्रदूषण के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति तरीके से निभाया जा रहा है. नॉर्थ MCD ने ना सिर्फ अपने क्षेत्र में मिनी फॉरेस्ट डिवेलप किए हैं बल्कि एक लाख से ज्यादा पौधे और झाड़ियां दिल्ली को हरा भरा ने मनाने के मद्देनजर सड़कों के दोनों तरफ लगाई गई हैं.

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साथ ही साथ लगातार पानी के टैंकर की सहायता से जगह-जगह छिड़काव करवाया जा रहा है. लैंडफिल साइट पर कूड़े का निष्पादन करते वक्त मिट्टी ना उड़े इसके मद्देनजर बकायदा एंटी स्मोक गन लगवाई गई है. जबकि पराली की वजह से उत्पन्न हुई प्रदूषण की समस्या के मद्देनजर निगम ने खुद पराली खरीद कर गोपराली की योजना को शुरू कर दिया है और यह योजना निगम के कई श्मशान घाटों में भली-भांति तरीके से चल भी रही है.

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दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर की प्रमुख जिम्मेदार दिल्ली सरकार है क्योंकि उसने अपनी जिम्मेदारियों को भलीभांति तरीके से नहीं निभाया. सिर्फ सड़कों पर वालंटियर को तख्ती लेकर खड़ा कर देने से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण खत्म नहीं होगा. दिल्ली सरकार को इसके लिए जमीन पर आकर काम करना होगा.जगह-जगह पूरी दिल्ली में एंटी स्मोग गन टावर की स्थापना करनी होगी.साथ ही पानी का छिड़काव कराना होगा और पूरी दिल्ली को हरा भरा बनाने के प्रयास करने होंगे, लेकिन दिल्ली सरकार के द्वारा अभी तक किसी भी तरह का कोई प्रयास जमीनी स्तर पर नहीं किया गया है. दिल्ली सरकार के द्वारा हर साल प्रदूषण पर लगाम लगाने को लेकर कागजी कार्रवाई की जाती है.

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