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दिल्ली हिंसा मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फैसला 14 दिसंबर को

Sharjeel Imam bail plea postponed: कड़कड़डूमा कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के आरोपी छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका मामले पर फैसला 14 दिसंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.

शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फैसला
शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फैसला

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 9, 2023, 8:35 PM IST

नई दिल्ली:कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले के आरोपी शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने वैधानिक जमानत याचिका पर 14 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

आज शाहरुख पठान की ओर से पेश वकील खालिद अख्तर ने कहा कि शाहरुख पठान के मामले में ट्रायल में काफी देर हो रही है. वो पिछले तीन साल और नौ महीने से हिरासत में हैं. इस मामले में अब तक अभियोजन पक्ष के केवल दो गवाहों के ही बयान दर्ज किए गए हैं. इस मामले में एक चार्जशीट और तीन पूरक चार्जशीट दाखिल की गई है. अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह हैं. 7 मार्च को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई रोजाना करने का आदेश दिया था लेकिन उसके बाद अब तक कोर्ट ने केवल सात बार ही सुनवाई की है.

वकील ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा दस साल है. अगर इस मामले के दूसरे आरोपी पेश नहीं हो रहे हैं तो ये शरजील इमाम की गलती नहीं है. इस वजह से उसे जेल में नहीं रखा जा सकता है. वहीं, सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने शरजील की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जेल में आरोपी का व्यवहार अच्छा नहीं रहा है. वो लालकिले में बम ब्लास्ट के आरोपियों से मिलता रहा है. उसके खराब व्यवहार के लिए जेल प्रशासन ने कई बार समन जारी किया है. शरजील के पास से मोबाइल फोन भी बरामद हुए थे. उसने जेल के दूसरे कैदियों पर हमला भी किया था.

बता दें कि 2 दिसंबर को सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि आपको लगता है कि हम फ्री हैं. हर तारीख पर यही होता है. वकील नहीं आते. कोर्ट ने डीसीपी क्राईम के पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या आपके लिए ये केस महत्वपूर्ण नहीं है. कोर्ट ने 29 अगस्त को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.

बता दें, शरजील इमाम की ओर से वकील अहमद इब्राहिम और तालिब मुस्तफा ने याचिका में कहा है कि उसने अधिकतम 7 साल की सजा की आधी सजा काट ली है. ऐसे में उसको तत्काल जेल से रिहा किया जाए. वहीं, जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध की गंभीरता को नजरंदाज़ नहीं किया जा सकता है. सिर्फ इसलिए की आरोपी ने उसके ऊपर दर्ज मामलों में मिलने वाली अधिकतम सजा का आधा हिस्सा जेल मे बिता लिया है. इस आधार पर ज़मानत नहीं दी जा सकती है. दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

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