दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्लीः यमुना में डाला जा रहा मलबा, अब सीसीटीवी से होगी निगरानी

केंद्र व राज्य सरकार और कई संस्थाओं के तमाम दावों के बावजूद यमुना के प्रवाह क्षेत्र में लगातार मलबे डाले जा रहे हैं. इसे लेकर नए सिरे से सवाल उठने के बाद अब सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की बात कही जा रही है.

By

Published : Aug 2, 2020, 9:31 PM IST

debris dumped in yamuna flow area cctv will be monitored
यमुना सीसीटीवी निगरानी

नई दिल्ली: राजधानी की पहचान से जुड़ने के बावजूद यमुना नदी की दुर्दशा कभी दूर नहीं हुई. एनजीटी के तमाम कड़े आदेशों के बावजूद यमुना के जल प्रवाह क्षेत्र में अब भी कूड़े और मलबा डाला जा रहा है और यह किसी एक जगह की बात नहीं है. दिल्ली में यमुना जहां प्रवेश करती है और जहां दिल्ली की सीमा समाप्त होती है, वहां तक यमुना में कल कारखानों के अवशिष्ट से लेकर निर्माण कार्य से जुड़ा मलबा भी देखा जा सकता है.

यमुना में डाला जा रहा मलबा, अब सीसीटीवी से होगी निगरानी

DPCC ने किया निरीक्षण

दिल्ली के कई स्थानों पर बीते हफ्ते दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने एक एनजीओ साउथ एशियन नेटवर्क ऑन डैम, रिवर एंड पीपल (SANDRP) के साथ मिलकर यमुना का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के बाद जो हकीकत सामने आया, वो चौंकाने वाला है. मयूर विहार पुल के पास यमुना के जल प्रवाह क्षेत्र के करीब 8 हजार स्क्वॉयर मीटर में मलबों की दो-चार फुट ऊंची परत बन गई है. इतना ही नहीं, सराय काले खान के पास भी यही स्थिति है.

निर्माण कार्य का मलबा यमुना में

सराय काले खान के पास यमुना में तो 20 हजार स्क्वॉयर फुट में मलबों का ढेर पड़ा है. इस एनजीओ की तरफ से यमुना का गूगल अर्थ इमेज भी लिया गया है, जो बताता है कि लगातार डाले जा रहे मलबों की वजह से यमुना के प्रवाह क्षेत्र को काफी नुकसान हो रहा है. ये दोनों वो जगह हैं, जहां निर्माण कार्य चल रहा था और इन मलबों का एक बड़ा हिस्सा इस निर्माण कार्य का है. स्पष्ट है कि यह सरकार और संस्थाओं की मिलीभगत से हो रहा है.

यमुना में पीपीई किट

दिल्ली सरकार जिस सिग्नेचर ब्रिज को लेकर अपनी पीठ थपथपाती रहती है, वहां भी यमुना को खूब क्षति पहुंचाई जा रही है. सिग्नेचर ब्रिज बनाने वाली कंपनी पार्किंग और स्टोरेज के लिए अब भी यमुना के प्रवाह क्षेत्र के करीब 40 हजार स्क्वॉयर मीटर का इस्तेमाल कर रही है. इतना ही नहीं, सिग्नेचर ब्रिज के पास से यमुना में इस्तेमाल किए जा चुके पीपीई किट भी मिल चुके हैं.

50 हजार तक का जुर्माना

यमुना में मलबे न डाले जाएं और इसके प्रवाह क्षेत्र का किसी तरह अतिक्रमण न हो, इसे लेकर तमाम तरह के कानून और प्रतिबंध हैं. एनजीटी ने 2015 में ही इसे लेकर आदेश जारी किया था कि अगर यमुना ने किसी तरफ का मलबा डाला जाता है, तो 50 हजार तक का जुर्माना हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद स्थिति बदतर होती जा रही है और इसमें ज्यादातर सरकारी कार्यों से जुड़ीं संस्थाएं ही जिम्मेदार हैं.

लगाए जा रहे कैमरे

नए सिरे से सवाल उठने के बाद अब इसे लेकर फिर संस्थाएं एक्टिव होती दिख रहीं हैं. यमुना की देख रेख का जिम्मा डीडीए के पास भी है. अब डीडीए यमुना घाटों की तरफ जाने वाले दिल्ली के हर प्रमुख रास्तों पर सीसीटीवी कैमरा लगा रही है. बताया जा रहा है कि अब तक 34 कैमरे लगाए जा चुके हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details