नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में दर्ज केस में जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे हैं. दोनों तरफ के वकील अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं. ईडी द्वारा शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के बदले ली गई 100 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत में सिसोदिया की संलिप्तता से संबंधित और भी सबूत पेश किए जा सकते हैं.
सिसोदिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें:ये सबूत पेश होने के बाद सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और जमानत याचिका खारिज होने की पूरी संभावना है. इससे पहले पांच अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका पर बहस के दौरान विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल ने ईडी के वकील जोहेब हुसैन के मामले में और सबूत पेश करने के लिए समय दिए जाने की मांग पर सिसोदिया की न्यायिक हिरासत एक सप्ताह तक बढ़ाते हुए मामले की सुनवाई 12 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी थी. पांच अप्रैल को दिल्ली पुलिस की सख्त सुरक्षा के बीच मनीष सिसोदिया को दोपहर दो बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था.
सिसोदिया और ईडी के वकील ने दी थी ये दलीलें:सिसोदिया की ओर से अधिवक्ता विवेक जैन ने जमानत याचिका के पक्ष में विभिन्न तर्क दिए थे. जैन ने कहा था कि मनीष सिसोदिया या उनके परिवार के खाते में आबकारी घोटाले का एक भी रुपया नहीं आया है. ईडी ने उनके घर पर छापा मारा है और बैंक खातों की भी जांच की है. वे उनके पैतृक गांव भी गए, जहां तक मनी लांड्रिंग (धन शोधन) के अपराध का संबंध है तो इस मामले में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि सिसोदिया की जमानत का विरोध करने वाली ईडी के जवाब से यह भी नहीं पता चलता है कि उन्होंने अपराध की किसी भी कार्रवाई को छुपाया है या अपराध की किसी भी कार्रवाई को प्राप्त किया है.
ईडी के वकील को मिले अहम सबूत:इसके बाद ईडी के वकील जोहैब हुसैन ने अपनी दलीलें देते हुए कहा कि अपराध की आय का सृजन मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल अपराधों में से एक है. हुसैन ने आगे कहा कि कई लोगों ने पुष्टि की है कि फीडबैक प्राप्त करने के लिए केवल लाभ मार्जिन को 12 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था. हम कुछ नए सबूत जुटा रहे हैं. कुछ अहम सबूत मिले हैं, जिनकी अभी तलाश की जा रही है.
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