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प्लास्टिक प्रबंधन पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक संध्या - raise awareness on plastic management

बिसलेरी बॉटल फॉर चेंज से आए के. गणेश ने बताया कि अगर हम प्लास्टिक को साफ तरीके से अलग करके रिसाइकिल करने के लिए देते हैं, तो यह पर्यावरण को काफी हद तक प्रदूषित होने से बचाता है. बॉटल फॉर चेंज ने दिल्ली नगर निगम और व्हाई वेस्ट वेडनेसडेज फाउंडेशन के साथ मिलकर इस प्लास्टिक को इकट्ठा करके रिसाइकिलिंग के लिए भेजने की मुहिम शुरू की है. इसमें स्कूलों, कॉलेजों, आरडब्ल्यूए, मार्किट एसोसिएशन,ऑफिस और धार्मिक संस्थानों के साथ मिलकर ये प्लास्टिक एकत्रित किया जाएगा और रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जायेगा.

सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

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Published : Dec 31, 2022, 10:20 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम प्लास्टिक की समस्या का समाधान करने में जुटा है. उन्होंने व्हाई वेस्ट वेडनेसडेज फाउंडेशन एवं बिसलेरी बॉटल फॉर चेंज के सहयोग से प्लास्टिक प्रबंधन पर जागरूकता बढ़ाने के लिए बसंत लोक शॉपिंग काम्प्लेक्स, प्रिया सिनेमा, वसंत विहार में एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया.

दक्षिणी क्षेत्र की उपायुक्त डॉ. अंकिता चक्रवर्ती ने बताया कि कार्यक्रम जी-20 समिट के उत्सव का हिस्सा है, युवाओं पर केंद्रित है. ताकि इस्तेमाल किए हुए प्लास्टिक के प्रबंधन के बारे में उन्हें जागरूक किया जा सके और उनके सहयोग से संगल यूज प्लास्टिक को कम करके प्लास्टिक रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जा सके. कार्यक्रम में लगभग 500 लोग उपस्थित थे. संतुष्टि अपार्टमेंट के कुछ बच्चों ने भी शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया. नये साल के अवसर पर दर्शकों ने इस कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया.

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व्हाई वेस्ट वेडनेसडेज फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. रूबी मखीजा ने इस कार्यक्रम में शामिल नागरिकों को सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या के बारे में विस्तार से समझाया. कहा कि अगर हम प्लास्टिक कचरे का निस्तारण सही से नहीं करते हैं तो वह पर्यावरण को कई शताब्दियों तक दूषित करता रहता है. उन्होंने बताया कि यह समंदर, नदियों, सीवर, नालों और कूड़े के पहाड़ों पर पहुँच कर यह कई समस्याएं पैदा करता है. पशु-पक्षियों, समुद्री जीवों और मनुष्यों के शरीर में पहुंच कर ये कई बीमारियों का कारण बन सकता है. प्लास्टिक गलता नहीं है, बल्कि बारीक माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाता है. माइक्रोप्लास्टिक नमक में, पानी में, हवा में और माँ के दूध तक में पाया गया है. कुछ अध्ययनों से ये अंदाजा लगाया गया है कि एक इंसान के अंदर हर सप्ताह 5 ग्राम तक माइक्रोप्लास्टिक जा रहा है.

बिसलेरी बॉटल फॉर चेंज से आए के. गणेश ने बताया कि अगर हम प्लास्टिक को साफ तरीके से अलग करके रिसाइकिल करने के लिए देते हैं, तो यह पर्यावरण को काफी हद तक प्रदूषित होने से बचाता है. बॉटल फॉर चेंज ने दिल्ली नगर निगम और व्हाई वेस्ट वेडनेसडेज फाउंडेशन के साथ मिलकर इस प्लास्टिक को इकट्ठा करके रिसाइकिलिंग के लिए भेजने की मुहिम शुरू की है. इसमें स्कूलों, कॉलेजों, आरडब्ल्यूए, मार्किट एसोसिएशन,ऑफिस और धार्मिक संस्थानों के साथ मिलकर ये प्लास्टिक एकत्रित किया जाएगा और रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जायेगा.

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Last Updated : Dec 31, 2022, 10:58 PM IST

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