नई दिल्ली:इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ी है. अभी इस पर पूरी दुनिया की नजर बनी है. युद्ध का असर वैश्विक बाजार पर भी पड़ना तय है. यदि लड़ाई लंबी चली, तो भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रहेगी. यही वजह है कि भारतीय कारोबारी संगठन भी जंग के चलते परेशानी में हैं. खास तौर से भारतीय फेस्टिव सीजन से पूर्व हो रही लड़ाई त्योहारों पर भारी पड़ सकती है.
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि इजरायल और भारत के बीच काफी सामान एक्सपोर्ट-इंपोर्ट होता है. पिछले 20 वर्षों में भारत और इजरायल के बीच व्यापार में 50 गुना बढ़ोतरी हुई है. 2022-23 में इजराइल का इंडियन मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 7.89 बिलियन डॉलर था.
बृजेश गोयल ने कहा कि भारत इजरायल को मोती, कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, प्लास्टिक, केमिकल एंड मिनरल प्रोडक्ट्स, कपड़ा, परिधान, एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स, बेस मेटल्स और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट एक्सपोर्ट करता है. इसके अलावा इजरायल से काफी सामान आता है. 2022-23 में इजरायल से भारतीय मर्चेंडाइज का इंपोर्ट 2.13 बिलियन डॉलर रहा है.
इजराइल भारत को पेट्रोलियम ऑयल्स, मशीनरी, विद्युत उकरण, मिनरल, फर्टिलाइजर प्रोडक्ट्स, रक्षा मशीनरी, ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट भेजता है. इतना ही नहीं इजरायल से भारत बड़ी मात्रा में पोटाश भी मंगवाता है. देश की जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात करता है. बृजेश गोयल का कहना है कि अगर युद्ध लंबे समय तक चलेगा तो अरबों रुपए का सामान रास्ते में अटक जाएगा जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. इसलिए दोनों के बीच युद्ध रुकना चाहिए. शांति बहाली से ही ग्लोबल और भारतीय इकॉनमी को लाभ होगा.
ये भी पढ़ें:
- Israel and Hamas War : तबाही जैसा मंजर, क्या है इजराइल और हमास के संघर्ष की असली कहानी, समझें
- Israel and Hamas War: कांग्रेस के बयान पर दिल्ली बीजेपी का हमला, कहा- आतंकियों का समर्थन करती है कांग्रेस