नई दिल्ली:दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में तीन साल बाद हो रहे छात्र संघ चुनाव के लिए एनएसयूआई ने शनिवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया. एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि यह चुनाव एनएसयूआई के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले एक बड़ी चुनौती है. इस चुनौती को एनएसयूआई के उम्मीदवार पार करेंगे. एबीवीपी ने जो चार साल में गुंडागर्दी की है. जो नफरत फैलाया है. इस नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोलेंगे. नीरज ने इस दौरान एनएसयूआई के चार कैंडिडेट जो अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सह सचिव के पद पर चुनाव लड़ेंगे, उनके नाम की घोषणा भी की. साथ ही बताया कि इस चुनाव में एनएसयूआई एबीवीपी को मात देते हुए 4.0 से छात्र संघ का चुनाव जीतेंगे.
एनएसयूआई के इस चुनाव में क्या चुनावी मुद्दे हैं और चुनाव जीते तो छात्र हित में क्या क्या काम करेंगे. इस संबंध में एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हितेश गुलिया के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. बातचीत के प्रमुख अंश कुछ इस प्रकार हैं.
सवाल: 2024 से पहले यह छात्र संघ का चुनाव आपके लिए चुनौती है. इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब:यह चुनाव सिर्फ दिल्ली का चुनाव नहीं है. यह चुनाव पूरे देश का चुनाव है, क्योंकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पूरे देश का बच्चा पढ़ता है और यहां के चुनाव का जो संदेश होगा, वह 2024 के लोकसभा चुनाव में इंपैक्ट डालने का काम करेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी में हवा एनएसयूआई के पक्ष में है. देश का छात्र बदलाव चाहता है और छात्र एनएसयूआई चाहता है.
सवाल: लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया नाम का गठबंधन बना, डूसू चुनाव में ऐसा क्यों नहीं हुआ?
जवाब: देखिए छात्र संगठन के साथ गठबंधन करने का फैसला शीर्ष नेतृत्व करते हैं और वह उनके फैसले पर होता है. एनएसयूआई छात्र संगठन के तौर पर मजबूत है और अपने दम पर यह छात्र संघ का चुनाव लड़ेगी और एबीवीपी को यह डर सता रहा है कि इस बार उनका सफाया होगा.
सवाल: एनएसयूआई चुनाव जीती तो तीन कौन से मुद्दे होंगे जिन पर काम किया जाएगा?
जवाब: एनएसयूआई चुनाव जीतती है तो सबसे पहले हम फीस वृद्धि का मुद्दा उठाएंगे क्योंकि जिस तरह से डीयू में फीस वृद्धि हो रही है और जिस तरह से दिल्ली यूनिवर्सिटी को प्राइवेट विश्व विद्यालय में तब्दील किया जा रहा है. जब मैं यूनिवर्सिटी में आया तो तीन साल की फीस 18 हजार थी. अब डीयू के कुछ कॉलेज में एक साल की फीस 30 हजार कर दी गई है. इस मुद्दे में साथ हम दिल्ली यूनिवर्सिटी में सभी छात्रों के लिए हॉस्टल की सुविधा दिलाएंगे, क्योंकि पीछे जो हॉस्टल बनाने का काम हुआ एनएसयूआई के समय हुआ. लगातार दाखिला की सीट बढ़ रही हैं लेकिन हॉस्टल की सीट वहीं पर अटकी है इसे बढ़ाने का काम भी एनएसयूआई चुनाव जीतने के बाद करेगी. इसके साथ ही साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंसा मुक्त विश्वविद्यालय (शिकायत निवारण कक्ष) देंगे.
सवाल: आपके चुनावी वायदे एबीवीपी से मिलते हैं. मेट्रो पास कैसे छात्रों को मिलेगा?
जवाब: एबीवीपी जो वायदे कर रहे हैं वह तो सत्ता में थे. केंद्र की सत्ता में थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी में सत्ता में थे. उन्हें वायदे नहीं बल्कि काम करना चाहिए था. अगर वे वादे पूरे करते तो आज एबीवीपी डरी हुई न रहती. उन्होंने वायदे किए, वायदे निभाए नहीं. हम वायदे कर रहे हैं और इसे पूरा करेंगे.
सवाल: कई छात्र संगठन चार साल के पाठ्यक्रम को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. एनएसयूआई का क्या स्टैंड है?
जवाब:चार साल के पाठ्यक्रम पर जो पार्टी का निर्देश होगा. एनएसयूआई उसके साथ चलेगा. हालांकि, इसमें कई खामियां है, जिससे छात्र काफी परेशान हैं.इसे कैसे बेहतर बनाया जाए.इसके लिए हम लड़ाई लड़ेंगे.