नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुए भयानक अग्निकांड में शवों को देखने के लिए हारून यूसुफ सबसे पहले शव गृह पहुंचे. यहां उन्होंने जहां पोस्टमार्टम हो रहा था, वहां जाकर देखरेख की. फिर कई परिजनों से भी मिले, उन्हें ढांढस बंधाया और इस घटना के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया.
शव गृह पहुंचे हारून यूसुफ दर्दनाक है यह हादसा
ईटीवी भारत से बातचीत में हारून यूसुफ ने कहा कि अभी मैं अंदर देखकर आ रहा हूं. यहां के जो डॉक्टर हैं, जो स्टाफ हैं, वे सभी पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. लेकिन यह घटना बहुत ही दर्दनाक है. उन्होंने उपहार कांड के बाद इसे दिल्ली के इतिहास की सबसे भयावह दुर्घटना करार दी.
बल्लीमारान से रहे हैं विधायक
हारून यूसुफ ने यह भी कहा कि इसके लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. गौरतलब है कि हारून यूसुफ खुद 15 साल उस बल्लीमारान से विधायक रह चुके हैं. जहां यह घटना घटी थी. उन्होंने कहा कि मैं वहां की नुमाइंदगी कर चुका हूं, इसलिए वहां के लोगों का दर्द समझता हूं. मैंने अपने विधायक के कार्यकाल में हमेशा ही अपनी जिम्मेदारियों को समझा और ठीक तरह से काम किया.
जिम्मेदारी समझने का समय
उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह वहां तारों का जंजाल बिखरा पड़ा था और जिसके कारण आग लगी, उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के बिजली विभाग की है. उन्होंने एमसीडी पर भी इसका ठीकरा फोड़ा.
इस घटना को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप पर उन्होंने कहा कि यह समय सियासत का नहीं, अपनी जिम्मेदारियां समझने का है.