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CM केजरीवाल ने विजिलेंस मिनिस्टर की रिपोर्ट एलजी को भेजी, मुख्य सचिव को पद से हटाने की सिफारिश - CM Kejriwal sent Vigilance Minister report

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विजिलेंस मंत्री आतिशी द्वारा 670 पन्ने की रिपोर्ट को एलजी वीके सक्सेना के पास भेज दिया है. बता दें कि दिल्ली में मुख्य सचिव नरेश कुमार को पद से हटाने की मांग का मामला काफी गरमाया हुआ है. Chief Minister Arvind Kejriwal, Chief Secretary Naresh Kumar

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 15, 2023, 12:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार को पद से हटाने की मांग के मामले में विजिलेंस मंत्री आतिशी द्वारा भेजी गई प्राथमिक रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दिया है. इससे पहले मंत्री आतिशी ने मंगलवार को 670 पन्ने की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौपीं थी. इस प्राथमिक रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया जांच में पाया या कि मुख्य सचिव ने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज फायदा पहुंचाया है.

बुधवार को सीएम केजरीवाल ने आतिशी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को उपराज्यपाल को भेजते हुए सीबीआई और ईडी को भी भेजने को कहा है. बता दें कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली की विजिलेंस मंत्री आतिशी ने 11 नवंबर को जांच शुरू की थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में आतिशी से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद मंत्री आतिशी ने दिल्ली के विजिलेंस विभाग के निदेशक और डिविजनल कमिश्नर को पत्र लिखकर उनसे इस संबंध में सभी फाइलें मांगी थी.

मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप लगा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण में हेरफेर कर उन्होंने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है. बीते शुक्रवार को इसकी शिकायत मिलते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विजिलेंस मंत्री आतिशी को जांच के आदेश दिए थे. हालांकि इस पर मुख्य सचिव ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी और सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था. सोमवार को जिला दिल्ली के मंडलायुक्त अश्वनी कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर सभी आरोपों को निराधार बताया था.

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क्या है मामला:दरअसल कथित मामले में कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 2015 में ये जमीन मात्र 75 लाख रुपये में खरीदी थी. इसके बाद महंगे रेट पर भूमि का अधिग्रहम हुआ, जिससे कहा जा रहा है कि कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज फायदा हुआ. साथ ही यह भी कहा गया कि मुख्य सचिव ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए. इन कंपनियों की भी जांच की सिफारिश की बात की जा रही है.

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