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दिल्ली में प्रदूषण के स्रोतों की रियल टाइम पहचान शुरू हो गई, काफी दिनों से चल रहा था काम : केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रियल टाइम सोर्स अपोर्शन्मेंट (Real Time Source Apportionment) स्टडी के जरिए प्रदूषण के स्रोतों (sources of pollution) की रियल टाइम पहचान शुरू हो गई है. उन्होंने अधिकारियों को इस स्टडी के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

सीएम केजरीवाल ने कहा -दिल्ली में प्रदूषण के स्रोतों का रियल टाइम पहचान शुरू
सीएम केजरीवाल ने कहा -दिल्ली में प्रदूषण के स्रोतों का रियल टाइम पहचान शुरू

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Published : Dec 25, 2022, 6:52 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्रोतों की वास्तविक समय के आधार पर पहचान की शुरुआत हो गई है. उन्होंने रियल टाइम सोर्स अपोर्शन्मेंट स्टडी के अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर अधिकारियों को प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा है.

प्रदूषण के खिलाफ एक अलग अभियान :दिल्ली में होने वाले प्रदूषण के स्तर का अध्ययन करने के लिए सरकार ने बेहद हाईटेक और डेटा संचालित परियोजना शुरू की है. इसी सिलसिले में सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को real-time सोर्स अपोर्शनमेन्ट प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की. यह प्रोजेक्ट दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानी डीपीसीसी की ओर से आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली और दिल्ली सरकार के सहयोग से शुरू किया गया है. रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेन्ट स्टडी प्रणाली में अत्याधुनिक तरीके से वायु विश्लेषण और एक मोबाइल वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के साथ एक सुपर साइट शामिल है जो दिल्ली के ऊपर हवा में विभिन्न पदार्थों के लेवल को बताएगा.

वास्तविक समय के आधार पर स्रोत की पहचान : इस संबंध में केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के सोर्स की वास्तविकता समय के आधार पर पहचान अब दिल्ली में शुरू की गई है. दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर का रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेन्ट स्टडी दिल्ली को प्रदूषण संबंधी आंकड़ों से सक्रिय तरीके से निपटने में मदद दे रहा है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. दिल्ली सरकार विश्लेषण को कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेंजमेंट (सीएक्यूएम) के समक्ष रखेगी ताकि केंद्र भी समस्या पर कार्रवाई कर सके.

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आईआईटी कानपुर की टीम ने भी लिया हिस्सा : इसके लिए आयोजित बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता, पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारी शामिल थे. बैठक में अध्ययन का नेतृत्व कर रहे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा और उनकी टीम ने हिस्सा लिया. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रोजेक्ट के तहत हुई प्रगति की सराहना की. आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि द्वितीयक अकार्बनिक एरोसोल जो लंबी दूरी तय करते हैं वह वायु प्रदूषण मिश्रण के एक बड़े हिस्से में योगदान करते हैं. बायोमास जलना मतलब लकड़ी जलना, वाहन से उत्सर्जन और सड़क और निर्माण कार्य से धूल निकलना, पिछले एक महीने में पीएम 2.5 के अन्य प्रमुख स्रोत हैं. इस दौरान टीम ने हाल के दिनों में प्रदूषण के सोर्स और किस दिशा से बाहरी प्रदूषण दिल्ली तक पहुंच रहा है, इस पर प्रति घंटा डाटा भी दिखाया.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मुलाकात करने को कहा : सीएम ने निष्कर्षों को साझा करने के लिए डीपीसीसी और आईआईटी कानपुर की टीम को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से मुलाकात करने के लिए भी कहा. केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता की समस्या से निपटना कई हित धारकों का संयुक्त प्रयास है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में अब वायु प्रदूषण के स्रोतों की रियल टाइम के आधार पर पहचान शुरू हो गई है. हम काफी समय से इस पर काम कर रहे थे. आईआईटी कानपुर द्वारा की जा रही रियल टाइम सोर्सेज अपोर्शन्मेंट स्टडी की विस्तार से समीक्षा की गई. उन्होंने कहा कि तुरंत प्रभाव से प्रदूषण के स्रोतों एवं स्थानों को चिन्हित कर प्रदूषण रोकने का प्लान बनाना होगा.

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