दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

CBSE Board Exam 2023: कैसा रहा CBSE कक्षा 12वीं का हिंदी पेपर, छात्रों ने दिया ये जवाब

सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुरू हो चुकी है. सोमवार से मुख्य परीक्षा की शुरुआत हो गई है. बोर्ड के मुताबिक 15 फरवरी से शुरू हुई 10वीं की परीक्षाएं 21 मार्च और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 5 अप्रैल को समाप्त होंगी.

CBSE Board Exam 2023
CBSE Board Exam 2023

By

Published : Feb 20, 2023, 4:45 PM IST

CBSE Board Exam 2023

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से देशभर में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है. बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हुई है. हालांकि, आसान विषय के साथ शुरू बोर्ड परीक्षा में अब मुख्य विषय की बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई है. सोमवार को 12वीं क्लास का हिंदी का पेपर आयोजित किया गया. यह पेपर सुबह 10.30 से लेकर 1.30 बजे तक चला. इस दौरान दिल्ली में सीबीएसई के द्वारा बनाए गए परीक्षा केंद्रों के बाहर और अंदर सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए.

परीक्षा केंद्र में छात्रों के साथ सिर्फ उनका एडमिट कार्ड ले जाने की अनुमति मिली. वहीं, स्कूल के बाहर उनके अभिभावक भी अपने बच्चों का इंतजार करते दिखे. परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने के दौरान कुछ छात्र खुश दिखाई दिए तो कुछ उदास. जानिए छात्रों ने परीक्षा केंद्र से बाहर आने के दौरान हिंदी पेपर के बारे में क्या बताया. परीक्षा केंद्र में सवा 10.15 बजे क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट छात्रों को मुहैया कराया गया था. हालांकि, सीबीएसई के निर्देश अनुसार, छात्र को पेपर 15 मिनट पहले क्वेश्चन पेपर को ठीक से पढ़ने के लिए दिया गया.

CBSE Board Exam 2023

90 फीसदी अंक की गारंटी: तुगलकाबाद गांव के पास सर्वोदय कन्या विद्यालय को 12वीं क्लास का परीक्षा केंद्र बनाया गया. यहां पर सुबह की पाली में हिंदी पेपर सुबह 10.30 से एक बजे तक चला. 1.30 बजे जब घंटी बजी तब धीरे-धीरे छात्र स्कूल परिसर से बाहर निकलने लगे. इधर स्कूल के बाहर छात्रों के अभिभावक का इंतजार भी खत्म हुआ. बारहवीं क्लास की छात्रा भूमिका ने बताया कि हिंदी का पेपर काफी आसान रहा. 80 नंबर का कुल पेपर था, जिसमें 90 फीसदी अंक आ जाएंगे. दूसरी छात्रा गीता ने बताया कि जो सिलेबस था, क्वेश्चन पेपर उसी अनुसार आया, शिक्षकों ने जिस तरह से तैयारी कराई, उसका असर देखने को मिला. वहीं, अन्य छात्रों का कहना था कि पेपर ठीक था, हालांकि कुछ छात्र बोले जो वह तैयारी करके आए, वह सवाल नहीं आया.

CBSE Board Exam 2023

ऑफलाइन परीक्षा देकर उत्साहित दिखे छात्र:कोरोना महामारी के बाद पहली बार एक टर्म में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है.इधर सोमवार को परीक्षा केंद्रों से बाहर निकलने वाले छात्र काफी खुश दिखाई दिए.छात्रों ने कहा कि ऑफलाइन मोड में परीक्षा देना काफी अच्छा लगा है.गत वर्षो में जिस तरह से कोरोना महामारी के चलते परीक्षाएं रद्द हुई.और ऑनलाइन और दो टर्म की परीक्षाएं हुई. लेकिन हमें परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने का आनंद आया है.अब आगे की परीक्षा की बेहतर तैयारी करेंगे.

ये भी पढ़ें:JEE MAIN 2023 : अब ड्रॉप क्वेश्चन पर हर छात्र को नहीं मिलेंगे बोनस मार्क्स, जानिए NTA ने क्या किए हैं बदलाव

देखें कैसा रहा CBSE कक्षा 12वीं का हिंदी पेपर:12वीं के हिंदी पेपर में कुल 14 प्रश्न थे. खंड 'अ' से लेकर खंड 'ब' तक सवाल पूछे गए. खंड 'अ' में बहुविकल्पी प्रश्न पूछे गए. वहीं खंड 'ब' से वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए. छात्रों के लिए इन दोनों खंडों में दिए गए सभी प्रश्नों को हल करना अनिवार्य था. खंड 'अ' में काव्यांश पूछा गया.

''दिवसावसान का समय, मेघमय आसमान से उतर रही है, वह संध्या-सुंदरी परी -सी, तिमिरांचल में चंचलता का नहीं कहीं आभास, मधुर-मधुर हैं दोनों उसके अधर किंतु गंभीर नहीं है उनमें हास-विलास, हँसता है तो केवल तारा एक, गूंथा हुआ उन घुँघराले काले बालों से हृदय राज्य की रानी का करता है अभिषेक, अलसता की सी लता, किन्तु कोमलता की वह कली, सखी नीरवता के कंधे पर डाले बाँह छाँह सी अंबर-पथ से चली. नहीं बजती उसके हाथ में कोई वीणा, नहीं होता कोई अनुराग-राग-आलाप, नूपुरों में भी रुन-झुन रुन-झुन नहीं, सिर्फ एक अव्यक्त शब्द सा चुप-चुप-चुप है गूँज रहा सब कहीं व्योम मंडल में, जगतीतल में. छात्रों को इससे संबंधित सवाल के जवाब देने थे.''

खंड 'ब' छात्रों से तीन शीर्षकों में से किसी एक शीर्षक पर लगभग 12 लेख लिखने थे.

1. मध्यावकाश के समय स्कूल की कैंटीन के बाहर का दृश्य

2. त्यौहार के अवसर पर बाज़ारों में उमड़ती भीड़

3. जब मजदूर की लॉटरी निकली

इसके बाद 60 शब्दों में इन क्वेश्चन का जवाब लिखा था.
प्रश्न कुछ इस प्रकार थे- समाचार लेखन की शैली को स्पष्ट कीजिए. फीचर-लेखन की प्रचलित शैली कौन-सी है. फीचर की विशेषताओ के बारे में बताए.

इन दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखने थे

(क) कविता के मूल में संवेदना है', कैसे? स्पष्ट कीजिए

(ख) नाटक के मंच निर्देश हमेशा वर्तमान काल में ही संयोजित क्यों होते हैं.

(ग) कथानक कहानी का एक प्रारंभिक नक्शा क्यों होता है ?

इन दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखने थे.

1. बारहमासा' पाठ के आधार पर पूस मास में रानी नागमती की विरह वेदना पर उतर लिखिए.
2. सरोज स्मृति' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए.
3. 'देवसेना का गीत' कविता से हमें क्या सीख मिलती है.

ये भी पढ़ें:CBSE Exam for 10th and 12th : आज से सीबीएसई बोर्ड की मुख्य परीक्षाएं

ABOUT THE AUTHOR

...view details