नई दिल्ली: देश की सबसे पेशवर पुलिस फोर्स के तौर पर जानी जाने वाली दिल्ली पुलिस की औसत आयु लगातार बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय में 80 हजार से अधिक की क्षमता वाली दिल्ली पुलिस के 59 फीसद कर्मियों की औसत आयु 35 वर्ष से अधिक है. चिंताजनक बात यह है कि थाने से लेकर की जांच के स्तर पर सबसे ज्यादा काम करने वाले इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और एसीपी रैंक के ज्यादातर कर्मचारी 45 से 60 वर्ष की उम्र के हैं जबकि 35 से कम आयु वर्ग के ज्यादातर कर्मचारी या तो सिपाही हैं या हवलदार.
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली पुलिस कमिश्नर से लेकर सिपाही तक दिल्ली पुलिस की स्ट्रेंथ 80 हजार जवानों की है. इनमें 33426 कर्मचारी 35 से कम आयु वर्ग के हैं जबकि 25260 पुलिसकर्मी 35 से 50 आयु वर्ग के हैं. वहीं 22 हजार से अधिक पुलिसकर्मी 50 से 60 वर्ष की आयु के हैं. इस पूरे आंकड़े में चिंताजनक बात ये है कि जांच से लेकर अपराध को रोकने की जिम्मेदारी जिन पुलिस अधिकारियों पर है उनकी ज्यादातर स्ट्रेंथ 35 से 60 वर्ष की उम्र की है.
उपलब्ध आंकड़े के अनुसार 35 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एसीपी व असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों की संख्या केवल 1871 है. जबकि इसी रैंक के 50 से 60 आयु वर्ग वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 19000 से अधिक है. वहीं 35 आयु वर्ग में अफसरों की संख्या 9358 है. जानकारों का कहना है कि नियमित तौर पर भर्ती ना होने के चलते दिल्ली पुलिस के जवानों की औसत आयु अधिक दिखाई दे रही है. यदि यही हालात बने रहे तो निश्चित ही अपराध नियंत्रण और जांच की तैयारी के काम पर असर पड़ेगा.
कैसे होता है दिल्ली पुलिस में प्रवेश
दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग अलग-अलग स्तरों पर परीक्षाएं कराता है. इसमें सिपाही, हवलदार और सहायक सब इंस्पेक्टर तथा सब इंस्पेक्टर रैंक पर सीधी भर्ती के द्वारा प्रवेश लिया जाता है. वहीं भारतीय पुलिस सेवा के अफसरों को केंद्र सरकार प्रतिनियुक्ति पर या केंद्रीय काडर के अफसरों को तैनात करती है. वहीं दनिप्स के जरिए भी दिल्ली पुलिस में अधिकारी बनने का मौका मिलता है.
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