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पांच कॉलेजों की ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितता आई सामने : मनीष सिसोदिया - भगिनी निवेदिता कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है. इस पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी हो रही थी, इस पर सरकार सख्त है और कार्रवाई की जाएगी.

Manish Sisodia
मनीष सिसोदिया

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Published : Nov 7, 2020, 12:09 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 5 कॉलेजों में गंभीर वित्तीय अनियमितता हुई है. इनके पास करोड़ो रुपये सरप्लस राशि होने के बावजूद एफडी में रखकर शिक्षकों की सैलरी रोकी गई, ताकि राज्य सरकार को बदनाम किया जा सके. सिसोदिया ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर समुचित कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में वित्तीय गड़बड़ी आई सामने

की गई अवैध नियुक्तियां

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन कॉलेजों ने वित्तीय नियमों का उल्लंघन करके अनियमित तरीके से करोड़ों रुपये का अवैध खर्च किया है. सरकार से अनुमति लिए बगैर टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के नाम पर मनमाने तरीके से पोस्ट क्रिएट की और अवैध नियुक्तियां की गई है. यहां तक कि ऐसे लोगों की अटेंडेंस का रिकॉर्ड तक नहीं दिखाया गया.

कॉलेज के नाम अनियमित व्यय

  • दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज 49.88 करोड़
  • केशव महाविद्यालय 29.84 करोड़
  • शहीद सुखदेव कॉलेज 16.52 करोड़
  • भगिनी निवेदिता कॉलेज 17.23 करोड़
  • महर्षि वाल्मीकि कॉलेज 10.64 करोड़

मनीष सिसोदिया ने कहा कि लैपटॉप, कंप्यूटर विभिन्न उपकरण तथा गाड़ियों आदि की खरीद के नाम पर वित्तीय नियमों का उल्लंघन करते हुए काफी व्यय किया गया. यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों को 40,000 रुपये मासिक भुगतान के मामले सामने आए हैं, जबकि सामान्यता यह वेतन 14 से 20 हजार तक होता है.

मनीष सिसोदिया
है पर्याप्त फंड

कॉलेज के फंड से जुड़े सवाल पर मनीष सिसोदिया कहा कि 5 कॉलेजों की ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि इन कॉलेजों के पास पर्याप्त राशि होने के बावजूद फ़ंड को अवैध तरीके से खर्च करके शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन रोका गया तथा राज्य सरकार पर अनावश्यक आरोप लगाए गए. कॉलेजों को अनुदान देने के प्रावधान के अनुसार कोई भी पोस्ट क्रिएट करने तथा उन पर बहाली के लिए राज्य सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन इन कॉलेजों ने अनुमति लिए बगैर मनमाने तरीके से पोस्ट क्रिएट करके बहाली भी कर ली. आश्चर्य की बात यह है कि ऑडिटर्स ने जब उनके अटेंडेंस रजिस्टर मांगे तो कॉलेजों के पास इनका अटेंडेंस रजिस्टर भी नहीं था. उन्होंने कहा कि कॉलेजों के पास एफडी में सरप्लस फंड होने के बावजूद शिक्षकों को वेतन नहीं देना हैरानी की बात है.



कॉलेज का नाम सरप्लस एफ़डी राशि

  • दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज 22.44 करोड़
  • शहीद सुखदेव कॉलेज 31.58 करोड़
  • केशव महाविद्यालय 9.38 करोड़
  • भगिनी निवेदिता कॉलेज 2.38 करोड़
  • महर्षि वाल्मीकि कॉलेज 0.29 करोड़

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