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AAP मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र, बोलीं- मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से किया इनकार - दिल्ली की ताजा खबरें

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव के संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा, जिन्होंने कथित तौर पर दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया था.

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 6:10 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 8:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सेवा एवं सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार के संबंध में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है. चिठ्ठी के माध्यम से उन्होंने एलजी को इस बात से अवगत कराया है, जिसमें मुख्य सचिव ने कथित तौर पर दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया था. आतिशी ने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम, 2023 सेवाओं के संबंध में उपराज्यपाल को केवल विशिष्ट शक्तियां प्रदान करता है, जिनका प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई सिफारिशों पर किया जाना है.

'सर्विसेज' पर एग्जीक्यूटिव कंट्रोल के मुद्दे पर असहमति के बाद, आतिशी ने एलजी को इस मामले पर पुनर्विचार करने के लिए पत्र लिखा है और उनकी राय भी मांगी है. मंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 ए के खंड (3) और (4), राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल सभी मामलों के संबंध में पब्लिक ऑर्डर, लैंड और पुलिस को छोड़कर दिल्ली की मंत्रिपरिषद अपनी कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करती है. एलजी उन मामलों को छोड़कर बाकी सभी में मंत्रिपरिषद को केवल सलाह दे सकते हैं.

AAP मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 21 मई, 2015 की अपनी अधिसूचना में यह निर्धारित किया था कि उपराज्यपाल लैंड, पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और सेवाओं से जुड़े मामलों के संबंध में अपनी शक्तियों का प्रयोग करेंगे. तब से, उपराज्यपाल दिल्ली में सर्विसेज के संबंध में सभी निर्णय ले रहे हैं. हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई, 2023 के अपने आदेश में सर्वसम्मति से दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार के पास "सर्विसेज" पर विधायी और कार्यकारी शक्तियाँ है. लेकिन 19 मई, 2023 को जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश, 2023, ने सर्विसेज से संबंधित किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने के लिए दिल्ली विधानसभा की शक्तियों को छीन लिया. इसके परिणाम स्वरूप, 'सर्विसेज' पर जीएनसीटीडी की कार्यकारी शक्ति भी ले ली गई.

दिल्ली का विकास कैसे होगा?: आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को 10 पन्नों की एक चिट्ठी भेज कर जीएनसीटी एक्ट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से मना कर दिया. उन्होंने कहा था इस एक्ट के तहत चुनी हुई सरकार के पास कोई ताकत नहीं है, ताकत बस अफसरों और मुख्य सचिव के पास है. ऐसे में हम फ्री बिजली, फ्री दवा, सरकारी स्कूल खोलने के लिए विभिन्न विभाग के सचिव को आदेश देंगे. वह इसी तरह से इनकार करेंगे, तो दिल्ली का विकास कैसे हो पाएगा.

लोकतंत्र की हत्या का आरोप: जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट में सेक्शन 45 जे कहता है कि अगर कोई अफसर चाहे तो वह मंत्री के आदेश को मानने से मना कर सकता है. अगर मुख्य सचिव चाहे तो किसी भी मंत्री द्वारा आदेश को मानने से मना कर सकता है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी का कहना है कि इस एक्ट की यह धारा लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहा है. यहलोकतंत्र की हत्या है.

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Last Updated : Aug 25, 2023, 8:06 PM IST

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