मुख्यमंत्री भी इन कॉलोनियों में रहने वालों की तादात को देख विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह में पहुंच रहे हैं. वहीं, हकीकत देखें तो आंकड़ों में हिसाब-किताब सरकार की संजीदगी की पोल खोल देता है.
अनधिकृत कॉलोनियों में विकास के लिए आवंटित फण्ड में से सिर्फ 20 फीसदी खर्च हुआ खर्च नहीं हुए बजट का फंड
चालू वित्त वर्ष (2018-19) खत्म होने में अब डेढ़ महीने का समय बचा है, जो 31 मार्च को खत्म हो जाएगा. लेकिन दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में जहां गरीब तबकों के लोग रहते हैं. वहां विकास कार्य करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा बजट में निर्धारित 542 करोड़ रुपये फंड में से सरकार 100 करोड़ भी खर्च नहीं कर पाई है. दिल्ली सरकार 31 दिसंबर तक निर्धारित फंड में से सिर्फ 18.43 फीसद फंड ही अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए खर्च कर सकी है.
मनोज तिवारी ने बोला हमला
अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्यों की सरकार द्वारा अनदेखी पर ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की लगभग आधी आबादी इन 1,700 अनधिकृत कॉलोनियों में रहती है और सत्ता में आने से पहले अरविंद केजरीवाल ने इन कॉलोनी में रहने वालों का जीवन स्तर सुधारने तथा यहां विकास कार्य कराने का वादा किया था. मगर 4 साल बाद भी मुद्दा यूं ही बना हुआ है.
तिवारी ने कहा कि सरकार ने कोई काम नहीं किया, केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते रहे. अब चुनाव दोबारा नजदीक आ गए तो मुख्यमंत्री को इन कॉलोनी में रहने वाले लोगों का ख्याल आ गया है. लेकिन अभी भी वह केवल वोट बैंक की राजनीति ही कर रहे हैं. यदि वास्तव में उनकी काम करने की मंशा होती तो वह केवल काम करके दिखाते. अपनी विफलताओं का ठीकरा दूसरे पर नहीं छोड़ते और ना ही शिलान्यास समारोह को एक मीडिया इवेंट बनाकर उसे वाह वाही लूटने की कोशिश करते.