नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. वही चोरी छुपे बिना लाइसेंस के हथियार रखने वालों की भी कमी नहीं है. दिल्ली पुलिस इस साल की शुरुआत से ही ऐसे लोगों की धरपकड़ में जुटी है जो हथियार की तस्करी करते हैं या फिर बिना लाइसेंस के अवैध रूप से हथियार रखते हैं. कार्रवाई के तहत इस साल के शुरुआती छह महीनों में ही दिल्ली पुलिस ने कुल 873 अवैध हथियार बरामद किए हैं. यानी प्रतिदिन औसतन पांच हथियार बरामद किए हैं. वहीं, पिछले साल इसी समयावधि में कुल 782 अवैध हथियार बरामद किए गए थे. आसानी से मिल रहे इन हथियारों के कारण ही दिल्ली में आए दिन फायरिंग की वारदातें होती हैं. सोशल मीडिया पर भी अवैध हथियार बेचे जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल लगातार ऐसे अपराधियों को धरपकड़ कर रही है.
आर्म्स एक्ट में 2118 गिरफ्तार:पुलिस ने आर्म्स एक्ट में इस साल जून तक 1853 मामले दर्ज कर 2118 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें 248 मामले ऐसे सामने आए जिनमें अपराधियों ने अवैध हथियार का इस्तेमाल कर वारदातें की हैं. वहीं, पिछले साल 30 जून तक दिल्ली में आर्म्स एक्ट के 2227 मामले दर्ज किए गए थे और इनमें कुल 2519 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, अवैध हथियार बेचने वाले सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और पोस्ट डालकर अपना प्रचार करते हैं. इस कारण भी अवैध हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.
चार पांच गुना कीमत पर बेचते हैं हथियार:वहीं, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि "लोकल अपराधी कट्टा, तमंचा और पिस्तौल से वारदात को अंजाम देते हैं. और बड़े गैंगस्टर्स विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली एनसीआर में अवैध हथियार बुराहनपुर, खरगोन, खांडवा, मुंगेर और मेरठ से पहुंंच रहे हैं. तस्कर वहां से पांच हजार में खरीदी गई पिस्तौल को अपराधियों को पच्चीस से तीस हजार रुपए में बेचते हैं." जो लोग हथियारों की खेप इधर से उधर पहुंचाने का काम करते हैं वे अपने पास मोबाइल फोन तक नहीं रखते ताकि डिलीवरी के समय पुलिस उनकी लोकेशन को ट्रेस न कर सके. ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस लगातार उन पर नजर रखती है.