नई दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का बजट पूरी तरह दिशाहीन है. वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा पेश 78, 800 का बजट दिल्ली की गरीब जनता के उम्मीदों से दूर है. सरकार में जीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार की बात करना आधारहीन है, क्योंकि वर्तमान में उनके दो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है और केजरीवाल भी शराब घोटाले के आरोपित है. पिछले 9 वर्षों में केवल नाम बदलकर बजट पेश करने वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली को बदहाल बना दिया है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट के दौरान केजरीवाल सरकार दिल्ली के गरीब लोगों को विश्वस्तरीय शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कहती है, जो बेईमानी है. स्वास्थ्य बजट में कटौती करके पिछले वर्ष 9769 करोड़ से घटाकर 9742 करोड़ कर दिया गया है. उन्होंने कहा स्कूलों में 70 प्रतिशत प्रिंसिपल और 33 प्रतिशत टीचरों की कमी होने के बाद विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधा का वादा गुमराह करने वाला है. 1027 स्कूलों में से 700 स्कूलों में सांईस की पढ़ाई नहीं होती है.
भारद्वाज ने कहा जो बजट आवंटित हुआ है वह सिर्फ वेतन और एक्सपेंडिचर के लिए है. पिछले 9 वर्षों में कोई नया अस्पताल नहीं बनाया और न ही कोई प्रोजेक्ट की योजना है. उन्होंने कहा कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 वर्षों में 14 नए अस्पताल और 5 नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली को देकर स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ताकत प्रदान की थी. दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों का ढ़िढोंरा पीटने वाली आप सरकार ने पिछले वर्ष केवल 10 नए मोहल्ला क्लीनिक बनाए. जबकि 12 प्रतिशत अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर बंद है, एमआरआई मशीन व लेब टेस्ट नहीं है. वहीं स्वास्थ्य बजट में ऑक्सीजन प्लांट पर कोई चर्चा नहीं है.
PWD विभाग द्वारा 28 फलाईओवर बनाने का दावा: भारद्वाज ने कहा कि बजट में पीडब्लूडी विभाग द्वारा 28 फलाईओवर बनाने का दावा किया है. आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार 2015-2022 के बीच सिर्फ 13 फलाई ओवर बने है. उसमें छोटी नजफगढ़-नांगलोई को जोड़ने वाली पुलिया को भी दर्शाया गया है. टूटी सड़कों के चलते राजधानी में लगातार ट्रैफिक जाम से जनता जूझ रही है और केजरीवाल सरकार बेहतरीन विकास और विश्वस्तरीय सुविधाएं देने का हवाला देती है. उन्होंने कहा कि लास्ट माईल कनेक्टीविटी के लिए 9 मीटर की सड़कों पर छोटी बसें चलाने की घोषणा पूरी तरह निराधार है, क्योंकि जहां ऑटो, ई रिक्शा के चलने की उचित सुविधा नहीं वहां बसे चलाना ट्रैफिक जाम को अंजाम देने की योजना साबित हो सकती है.