नई दिल्ली/चंडीगढ़ :चंडीगढ़ में उत्तरी जोनल काउंसिल की 29 वीं बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की. इस बैठक की मेजबानी हरियाणा ने की, साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस कार्यक्रम का संचालन भी किया.
राज्यों की समस्या और मुद्दे
उत्तरी जोनल काउंसिल की 29 वीं बैठक सभी राज्यों की तरफ से अपनी मांग एवं समस्याएं रखी गई, वहीं हरियाणा की तरफ से भी बैठक में एसवाईएल समेत कई मुद्दों को उठाया गया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में एसवाईएल को हरियाणा की जीवन रेखा बताते हुए कहा कि पंजाब से रावी व्यास के पानी में से हरियाणा का पूरा हिस्सा हमें अभी भी नहीं मिल पा रहा है.
दिल्ली में होगी पानी के मुद्दे पर राज्यों की बैठक
गत वर्षो में यमुना में पानी की निरंतर कमी हुई है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा की 1000 से भी अधिक गांव और लाखों एकड़ भूमि आज भी प्यासी है. बैठक के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में सभी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल समेत पानी के विषय पर चर्चा हुई है वहीं पानी के मुद्दे पर दिल्ली में अगले 2 महीने में सभी राज्यों की बैठक होगी. जिसमें पानी से संबंधित राज्यों के तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उठाया पानी का मुद्दा
इस बैठक के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में पानी की कमी का मुद्दा उठाया. जिस पर अमित शाह ने इसके लिए दिल्ली में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है. इस बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे.
बीबीएमबी में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की सदस्यता
ब्यूरो ने कहा कि इस बैठक में हर 5 किलोमीटर पर बैंक खोलने का आग्रह किया है. साथ ही जीएसटी के तहत राज्यों के नुकसान की भरपाई का मुद्दा भी उठाया गया. वहीं भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान स्थाई सदस्य बनाने की मांग की गई है, जिस पर कहा गया है कि बीबीएमबी में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश को भी सदस्य बनाया जाएगा.
घग्गर और सुखना लेक की सफाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बैठक में बीबीएमबी की फंक्शनिंग को स्मूथ करने पर चर्चा हुई है साथ ही पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के कोटे को लेकर चर्चा हुई है. इस मामले में पंजाब के साथ भी चर्चा हुई है, घग्गर और सुखना लेक की सफाई को लेकर बैठक में चर्चा हुई. वहीं हिमाचल प्रदेश के साथ सीमा से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनी है.