नई दिल्लीः बिहार के मोतिहारी में गत 6 मई को एक ठेकेदार को रंगदारी नहीं देने पर 25 गोलियां मारकर हत्या करने वाले आरोपी को बिहार पुलिस और दक्षिणी दिल्ली स्पेशल स्टाफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद बिहार से फरार हो कर दिल्ली आ गया था और देवली में छुपकर रह रहा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान चंद्रकेतु झा उर्फ टुन्ना के रूप में हुई है. आरोपी बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है. यह संतोष झा गैंग का सक्रिय सदस्य है और उसकी हत्या होने के बाद से आरोपी ही गैंग को चला रहा था. आरोपी बिहार में अपराधियों को अवैध हथियारों का सप्लाई करने के साथ ही वहां के व्यवसायियों और कांट्रेक्टर रंगदारी वसूलता है.
डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि आरोपी इससे पहले से बिहार के दरभंगा एक इंजीनियर और एक सुपरवाइजर की हत्या के अलावा व्यवसायी से रंगदारी मांगने के मामले में भी शामिल रहा है. शिवहर में भी एक सुपरवाइजर की हत्या की गई थी, जिसमें यह शामिल रहा है. इतना ही नहीं दरभंगा के एक व्यवसायी से रंगदारी मांगी गई थी, वह इसमें भी शामिल रहा है. आरोपी के देवली गांव में छिपे होने की जानकारी के साथ बिहार पुलिस की एक टीम दिल्ली आई थी, पर पुलिस को उसके सही ठिकाने की जानकारी नहीं थी. इसके बाद एसीपी ऑपरेशन राजेश कुमार की देखरेख में स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर धीरज मेहलावत, एसआई जयकिशन, धर्मेंद्र, एएसआई जोगिंदर, अशोक, हेड कांस्टेबल लक्ष्मी और कांस्टेबल संदीप पुनिया की टीम ने अपने स्थानीय मुखबिरों और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की. पुलिस को सफलता मिली और उसके सही ठिकाने की जानकारी मिल गई. इसके बाद संयुक्त टीम ने छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया.
पुलिस के अनुसार गैंगस्टर संतोष झा गैंग के 5-6 शार्प शूटर ने बिहार के मोतिहारी में शूटआउट में गैंगस्टर मुकेश पाठक गैंग के एक ठेकेदार की 6 मई को गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पीड़ित मुजफ्फरपुर हॉस्पिटल में अपने एक जानकार से मिलने जा रहा था. उस मामले में पूर्वी चंपारण जिला के फेनहारा थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी. उस मामले में इस मास्टरमाइंड गैंगस्टर की बिहार पुलिस को तलाश थी. छानबीन में पता चला कि मुकेश पाठक और संतोष झा दोनों गैंग चलाते थे. इनका उत्तरी बिहार में दबदबा था और इनका नेटवर्क चंपारण, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी और मोतिहारी जिला में था. संतोष झा 2014 में बिहार पुलिस के द्वारा गिरफ्तार होकर जेल चला गया और मुकेश पाठक भी 2015 में जेल चला गया.