नई दिल्ली:दिल्ली यूनिवर्सिटी के डूसू चुनाव में एबीवीपी की सचिव पद की उम्मीदवार इस बार यूपी की एक बेटी बनाई गई हैं. एबीवीपी ने जौनपुर निवासी अपराजिता को अपना कैंडिडेट बनाया है. अपराजिता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में अपना स्नातक पूरा किया है. महिला संबंधी विषयों के लिए वह निरंतर विभिन्न कार्यों में संलग्न रहती हैं. सामाजिक कार्य में उनती विशेष रुचि है. वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिष्ट स्टडीज विभाग में अध्ययनरत हैं. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की सेवा गतिविधि की दिल्ली प्रांत संयोजिका है. ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की और जाना कि उन्होंने नेत्रदान करने का फैसल क्यों किया? साथ ही कॉलेज में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर एबीवीपी का क्या स्टैंड है.
सवाल: इस बार डीयू चुनाव में महिला सुरक्षा का किया अहम रहने वाला है?
जवाब: एबीवीपी का हमेशा से महिला सुरक्षा एक मुख्य मुद्दा रहा है. चाहे मिशन साहसी हो, जहां हजार से ज्यादा युवतियां आकार सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेती हैं. इस तरह की गतिविधि एबीवीपी निरंतर कराता रहा है और जब दिल्ली विश्वविद्यालय बंद था तो ऑनलाइन साइबर सुरक्षा के ऐसे बहुत सारे मुद्दे थे. जिसमें महिलाएं बहुत परेशान हो रही थी. इसके लिए साहसी 2.0 कराया गया था. जिसमें साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी गई थी.
सवाल: आपने नेत्रदान करने का फैसला लिया है.
जवाब: सेवा का भाव हमेशा से था. एबीवीपी की सेवा गतिविधि की दिल्ली प्रांत संयोजिका हूं. यह सफर सेवा से प्रांत संयोजिका तक पहुंचा है. सेवा का भाव मेरे जीवन का एसेंशियल पार्ट है. उसी के लिए मैंने नेत्रदान करने का फैसला किया है. जब मुझे लोग मिले, उन्होंने मुझे सक्षम संस्था के बारे में बताया. जब मैं चुनाव के लिए कॉलेज में कैंपेन कर रही थी. इसी दौरान नेत्रदान करने का फैसला भी किया.