नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि सांसद संजय सिंह को ईडी ने आठ दिन रिमांड में रखा, लेकिन उनसे केवल तीन घंटे ही पूछताछ की. इससे भी बड़ी हास्यप्रद बात यह है कि ईडी ने उनसे अधिकतर गैर जरूरी प्रश्न किए. ईडी ने पूछा कि आपने अपने माता-पिता से पैसे क्यों लिए. 15 महीने से चल रही तथाकथित शराब घोटाले की जांच में संजय सिंह का नाम कभी नहीं आया, लेकिन ईडी ने अचानक उनके घर छापेमारी उन्हें गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, संजय सिंह संसद के अंदर और बाहर अडानी-मोदी भ्रष्टाचार को मजबूती से उठाते रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.
बदला जाए ईडी का नाम:उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, पुलिस व जांच एजेंसियों का इस्तेमाल केवल विपक्ष के नेताओं को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है. ईडी का नाम बदलकर इंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट रख देना चाहिए. पिछले 15 महीने से तथाकथित शराब घोटाले की जांच चल रही है. हजारों जगह छापेमारी हुई और सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन ईडी ने कभी उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. संजय सिंह सांसद हैं. एक सांसद को पूछताछ के लिए समन भेजकर बुलाना चाहिए. चूंकि कोई घोटाला नहीं हुआ है, इसलिए इन 15 महीनों में संजय सिंह को नहीं बुलाया गया.
क्यों दिया दान: रीना गुप्ता ने कहा कि सांसद संजय सिंह 8 दिन ईडी की रिमांड में रहे. ईडी ने पूछा कि आपने अपनी माता जी से आठ हजार रुपए क्यों लिए. संजय सिंह ने जानलेवा बीमारी एसएमए को लेकर बहुत बड़ा कैंपेन चलाया था. यह एक जेनेटिक बीमारी है. एक बच्चे को यह बीमारी हुई थी, जिसके लिए संजय सिंह ने भी कुछ पैसे दान दिए थे. ईडी ने पूछा कि आपने एसएमए से ग्रसित कनव को दान क्यों दिया.