नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोकायुक्त को पिछले साल शिकायत मिली कि भाजपा नेता आदेश गुप्ता ने मेयर रहते हुए अवैध तरीके से करोड़ों की संपत्ति बनाई. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और गुप्ता के बेटे कंपनी के डायरेक्टर्स है. उन्होंने कई प्रॉपर्टीज खरीदी और अवैध निर्माण करवाया. कंपनी में जाजू के बेटे का पता 11ए अशोका रोड नई दिल्ली है, जो बीजेपी का हेडक्वॉटर है.
उन्होंने आगे कहा कि लोकयुक्त कोर्ट में आदेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत में सामने आया है कि नॉर्थ एमसीडी मेयर रहते उन्होंने कंपनी बनाई. इसकी वैल्यूशन उनकी आय से बहुत ज़्यादा है. लोकायुक्त जस्टिस हरीश चंद्रा मिश्रा ने अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक लगातार गुप्ता को उनकी प्रॉपर्टीज और इनकम सोर्स देने के लिए नोटिस दिए, लेकिन उन्होंने आज तक कोई जानकारी नहीं दी.
LG और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांगः भारद्वाज ने बताया कि लोकायुक्त की जांच में असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी नेता आदेश गुप्ता, श्याम जाजू के बेटों की कंपनी में करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले है. एलजी एक चिट्ठी इस विषय में भी एंटी करप्शन ब्रांच और सीबीआई को लिखे कि किस तरह प्रॉपर्टीज की ख़रीद-फ़रोख़्त की गई? इस मामले में केंद्र सरकार सख्त कार्रवाई करे, ताकि न खाऊंगा न खाने दूंगा वाला मंत्र असल में बीजेपी वालों के खिलाफ भी इस्तेमाल हो सके.
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भाजपा नेता पर गंभीर आरोपः सौरभ ने कहा कि आदेश गुप्ता, जब नार्थ दिल्ली एमसीडी के मेयर थे उस दौरान मजबूत सॉल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी रजिस्टर की गई. इस कंपनी को अक्टूबर 2018 में बनाया गया. आदेश गुप्ता अप्रैल 2018 से अप्रैल 2019 तक नार्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर थे. इस कंपनी के अंदर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू के बेटे और गुप्ता के बेटे बराबर के शेयर होल्डर्स और डायरेक्टर्स हैं.
शिकायत में आरोप था कि आदेश गुप्ता, मेयर व बीजेपी के बड़े नेता रहते हुए अपने पद का फायदा उठाते हुए खूब प्रॉपर्टीज खरीद और बेच रहे हैं. इन प्रॉपर्टीज में अवैध निर्माण होने के बावजूद एमसीडी ने आंखें मूंदी हुई हैं, क्योंकि वह मेयर और बीजेपी के नेता है. इन प्रॉपर्टीज की डिटेल में अगर उनके खरीदने की इवैल्यूशन की जाए तो गुप्ता ने जितनी सोर्स ऑफ इनकम इलेक्शन लड़ते समय रिटर्निंग ऑफिसर को डिक्लेयर की थी, उससे बहुत ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि जब ये आरोप लगे तो अगस्त 2022 में न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा ने इसकी जांच के आदेश दिए. जांच अगस्त में असिस्टेंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन ने शुरू की. पहला नोटिस आदेश गुप्ता को 16 अगस्त 2022 को दिया गया कि आप इन-इन प्रॉपर्टीज के बारे में और सोर्स ऑफ इनकम के बारे में विस्तृत जानकारी दें. अब तक उसका जवाब नहीं दिया.
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3 नवंबर 2022 को दोबारा लोकायुक्त कोर्ट की डेट पड़ी, जिसमें दोबारा आर्डर पास किया गया कि अगस्त 2022 में भेजे गए नोटिस का आपने अब तक जवाब नहीं दिया आपको फिर से मौका दिया गया कि आप सोर्स ऑफ इनकम और प्रॉपर्टीज के संबंध में लोकायुक्त को बताएं. इतनी प्रॉपर्टीज आपके बेटे, उनकी कंपनियां और आप खुद खरीद रहे हैं, तो आपकी आय कहां से हो रही है. उस आय और चुनाव में डिक्लेयर्ड आय में फर्क है. आप इसे डिक्लेयर कीजिए.