नई दिल्ली: 2022 के अप्रैल महीने में नगर निगम के चुनाव होने हैं. लेकिन दिल्ली में इसके लिए माहौल अभी से तैयार हो रहा है. खासतौर पर आम आदमी पार्टी अभी से इसके लिए मैदान में उतर चुकी है. हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी मुख्यालय में जितने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रहे हैं, जो भी रणनीतियां तैयार हो रहीं हैं या संगठन में जो भी बदलाव हो रहे है, सबका लक्ष्य 2022 का निगम चुनाव ही है.
अब सवाल यह है कि करीब दो साल पहले से ही आम आदमी पार्टी ने ये तैयारियां क्यों शुरू कर दी है. इसका जवाब तलाशने के लिए 2017 के निगम चुनाव परिणाम पर नजर डालनी होगी. 2015 के विधानसभा चुनाव की ऐतिहासिक जीत ने आम आदमी पार्टी के मन में निगम चुनाव में भी जीत की लालसा जगा दी थी. तब भाजपा को निगम में एंटी इनकम्बेंसी का भी सामना करना पड़ रहा था. आम आदमी पार्टी की उम्मीदें इसलिए भी सातवें आसमान पर थीं.
उस चुनाव में भाजपा ने अपने सभी उम्मीदवार भी बदल दिए थे, आम आदमी पार्टी ने जमीन पर खूब पसीना भी बहाया. लेकिन इन सबके बावजूद जब नतीजे आए, तब भाजपा बहुमत के साथ तीसरी बार निगम में काबिज हो गई और 272 सीटों में से आम आदमी पार्टी को मिलीं मात्र 48 सीटें. उन नतीजों से सबक लेते हुए आम आदमी पार्टी ने 2022 के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है.
संगठन में भी बदलाव