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आज ही के दिन दिल्ली में पहली बार बनी थी आम आदमी पार्टी की सरकार, जानें कुछ विशेष बातें

Aam Aadmi Party: आंदोलन से निकली आप आदमी पार्टी ने दिल्ली में 70 में 67 सीटें हासिल करने के अलावा भाजपा और कांग्रेस के बाद दूसरे राज्य में सरकार बनाने वाली पार्टी बनने जैसे कई कीर्तिमान किए हैं. लेकिन इन सब की शुरुआत 28 दिसंबर, 2012 से हुई थी, जब दिल्ली में पहली बार 'आप' की सरकार बनी थी. तब से अब तक कई बदलावों के साथ, पार्टी दिल्ली की सत्ता की सत्ता पर काबिज है.

Aam Aadmi Party
Aam Aadmi Party

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 28, 2023, 11:54 AM IST

नई दिल्ली:दिल्ली की सियासत में 28 दिसंबर, 2013 की तारीख बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसी दिन दिल्ली की सत्ता में पहली बार आम आदमी पार्टी की काबिज हुई थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक आरविंद केजरीवाल ने आज के ही दिन मुख्यमंत्री और उनके साथी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि यह अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ 49 दिनों के लिए बनी थी. आज आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. भाजपा व कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी तीसरी ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है.

49 दिन दिन चली थी 'आप' की सरकार: 26 नवंबर 2012 को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था. इसके बाद दिसंबर 2013 दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कुल 70 सीटों में से 28 सीटें जीती थीं. वहीं भाजपा ने कुल 34 सीट व कांग्रेस ने आठ सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि कांग्रेस के साथ आपसी सामंजस्य न बन पाने के कारण यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चली थी.

दर्ज की ऐतिहासिक जीत: इसके बाद वर्ष 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी. फिर साल 2020 में हुए दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में 'आप' ने 62 सीटें हासिल कर जीत दर्ज की थी.

अन्ना हजारे आंदोलन से निकली पार्टी: समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में अरविंद केजरीवाल शामिल थे. उन्होंने राजनीति में आकर इन मांगों पर काम करने के उद्देश्य से 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया था. आम आदमी पार्टी ने आज देश के विभिन्न राज्यों में संगठन का विस्तार कर लिया है. वहीं पार्टी के कई राज्यों में विधायक भी हैं.

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मनमुटाव से पार्टी छोड़ गए कई करीबी:दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने फ्री बिजली, पानी समेत कई योजनाओं की शुरुआत की. कुछ मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल के करीबी आपत्ति जताने लगे. करीबियों ने उनपर अकेले ही फैसला लेने का आरोप भी लगाया. प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव ने केजरीवाल को सुप्रीम लीडर बताया था. इसके बाद पार्टी के संस्थापक सदस्य में शामिल प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रोफेसर आनंद कुमार, अजीत झा जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी.

वहीं पहले अरविंद केजरीवाल हर मंच पर कुमार विश्वास को अपना छोटा भाई बताते थे. 2018 में कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजे जाने की बात उठी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद कुमार विश्वास ने भी पार्टी का दामन छोड़ दिया था. हालांकि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हमेशा अरविंद केजरीवाल के साथ रहे. फिलहाल मनीष सिसोदिया शराब नीति घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं.

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