नई दिल्ली:दिल्ली की सियासत में 28 दिसंबर, 2013 की तारीख बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसी दिन दिल्ली की सत्ता में पहली बार आम आदमी पार्टी की काबिज हुई थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक आरविंद केजरीवाल ने आज के ही दिन मुख्यमंत्री और उनके साथी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि यह अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ 49 दिनों के लिए बनी थी. आज आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. भाजपा व कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी तीसरी ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है.
49 दिन दिन चली थी 'आप' की सरकार: 26 नवंबर 2012 को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था. इसके बाद दिसंबर 2013 दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कुल 70 सीटों में से 28 सीटें जीती थीं. वहीं भाजपा ने कुल 34 सीट व कांग्रेस ने आठ सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि कांग्रेस के साथ आपसी सामंजस्य न बन पाने के कारण यह सरकार केवल 49 दिनों तक ही चली थी.
दर्ज की ऐतिहासिक जीत: इसके बाद वर्ष 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी. फिर साल 2020 में हुए दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में 'आप' ने 62 सीटें हासिल कर जीत दर्ज की थी.
अन्ना हजारे आंदोलन से निकली पार्टी: समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में अरविंद केजरीवाल शामिल थे. उन्होंने राजनीति में आकर इन मांगों पर काम करने के उद्देश्य से 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया था. आम आदमी पार्टी ने आज देश के विभिन्न राज्यों में संगठन का विस्तार कर लिया है. वहीं पार्टी के कई राज्यों में विधायक भी हैं.