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लॉकडाउन में चली गई बेटे की नौकरी, मां भगवान के कपड़े सिलकर कमाती हैं 6-7 हजार रुपये

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित एक 70 वर्षीय महिला ने खुद का रोजगार शुरू किया है. 70 वर्षीय रामदुलारी लॉकडाउन से ही भगवान के कपड़े बनाकर 6-7 हजार रुपये कमा रही है. देखें खास रिपोर्ट...

70 years old woman became self dependent due to prime minister narendra modi
आत्मनिर्भर महिला

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Published : Jul 26, 2020, 4:01 PM IST

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देशवासियों से मन की बात की. देशवासियों को संबोधित करते हुए उन लोगों की सराहना की, जिन्होंने इस मुश्किल की घड़ी में अपने छोटे-छोटे प्रयासों से आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम रखा. ऐसी ही एक कहानी ईटीवी भारत आपके लिए लेकर आया है. जो एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की कहानी है. जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान केवल अपने परिश्रम से एक नए काम की शुरुआत की.

पीएम मोदी से प्रेरणा लेकर बनीं आत्मनिर्भर

70 वर्षीय रामदुलारी लॉकडाउन से ही भगवान के कपड़े बनाकर अलग-अलग जगहों पर पहुंचा रही हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन में, जब बेटे की नौकरी चली गई और रोजगार के लिए कोई दूसरा साधन नहीं मिला तो उन्होंने भगवान के कपड़े बनाना शुरू किया.

6-7 हजार रुपये तक कमा रही हैं

कपड़ों को पहले अपने आस-पड़ोस और रिश्तेदारों तक पहुंचाया. फिर अच्छी मांग होने पर अब वो इन्हें फुटपाथ व मंदिरों में बेचकर महीने में 6-7 हजार रुपये तक कमा रही है. रामदुलारी ने बताया लॉकडाउन से पहले जो पेंशन आती थी, वह भी नहीं आई. ऐसे में वह और उनका परिवार पाई-पाई के लिए मोहताज हो गया. बेटे की नौकरी चली गई और कोई घर में कमाने वाला और कोई नहीं है. ऐसे में उन्होंने सिलाई करना शुरू किया.

1 दिन में बनाती है 10 से 20 कपड़े

रामदुलारी ने बताया कि उन्हें सिलाई करना पहले से आता था, इसलिए भगवान के कपड़े बनाना उचित समझा. भगवान के कपड़े बनाने का सामान खरीद कर काम शुरू किया.जिसके बाद अब वो 1 दिन में 10 से 20 कपड़े बना लेती हैं, जिसके बाद उन पर मोती लगाकर अच्छे से तैयार कर महीने में 100 से 200 कपड़े बना कर बेचती है.

आत्मनिर्भर भारत से मिली प्रेरणा

रामदुलारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन के दौरान किए गए आत्मनिर्भर भारत की बात से, उन्हें यह काम करने की प्रेरणा मिली. फिर उन्होंने सोचा कि क्यों ना वो अपने सिलाई बुनाई के हुनर से कुछ काम करें और अपना खुद का रोजगार करें.

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