नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाएं ऑनलाइन बेचने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवा बेचने वाले गिरोह( counterfeit drug gang) के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है. आरोपी पूरे एनसीआर में फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के जरिए मरीजों के परिजनों से संपर्क करते थेे और उन्हें नकली दवाइयां सप्लाई करते थे.
गैंग में शामिल हैं डॉक्टर, इंजीनियर और एमबीए : विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव का कहना है कि कैंसर और जीवन रक्षक नकली दवा बनाने वाले गिरोह को पकड़ा गया है. इसमें सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए किए हुए लोग शामिल हैं. कुछ लोग फरार हैं, जिनको जल्द पकड़ा जाएगा. ये लोग कीमती दवाओं को यह कहकर बेचते थे कि यह भारत में नहीं मिलती है. सोनीपत आदि जगहों में फैक्ट्री पकड़ी है. गाजियाबाद में एक गोदाम पकड़ा है. इस बारे में वहीं अलग प्राथमिकी दर्ज़ हुई है. यह विभिन्न माध्यमों से दवाओं को बेचते थे. अभी जो खेप पकड़ी गई है उसकी कीमत आठ करोड़ रुपये है. ये लोग तीन से चार वर्ष से ऐसा काम कर रहे थे. आरोपी कैंसर मरीज के तीमारदारों से फोन पर संपर्क कर ऑनलाइन दवा भेजते थे. इसके अलावा भागीरथ पैलेस के दवा विक्रेताओं के जरिए भी नकली दवा बेची जा रही थी. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने शक के आधार पर दवा विक्रेताओं के यहां भी छापेमारी कर सकती है. फिलहाल इन शातिरों से लंबी पूछताछ जारी है. आरोपियों की पहचान डॉ प्रतिभा नारायण प्रधान, शुभम मन्ना, पंकज सिंह बोहरा, अंकित शर्मा, राम कुमार, अंकेश वर्मा प्रभात कुमार, के रूप में की गई है.