नई दिल्लीः 60 साल की उम्र पार करने या फिर रिटायरमेंट के बाद अक्सर ज्यादातर लोग घर में आराम फरमाते हैं. वहीं 62 साल के महिपाल सिंह इन दिनों दुबई में है और एसबीकेएफ आठवें इंटरनेशनल गेम्स 2023 में हिस्सा ले रहे हैं. महिपाल सिंह ने इस इंटरनेशनल गेम्स 2023 में 1500, 5000 और 10000 मीटर दौड़ में पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया है. महिपाल सिंह की इस उपलब्धि पर लगातार उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
2 अगस्त 2023 को दुबई स्थित जेम्स मॉडर्न एकेडमी में आयोजित प्रतियोगिता में महिपाल सिंह ने तीन गोल्ड मेडल जीत कर गाजियाबाद और भारत का नाम देश भर में रोशन किया है. महिपाल सिंह के मुताबिक इस प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल हासिल करने के पीछे उनकी करीब 20 महीने की मेहनत है. महिपाल सिंह का कहना है किस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने हर दिन तकरीबन 5 घंटे दौड़ की प्रैक्टिस की है. महिपाल सिंह कई जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. महिपाल सिंह बताते हैं किसी बड़े मुकाम पर पहुंचने की शुरुआत छोटे मुकाम से होकर ही जाती है. जिला और राज्य स्तर पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के बाद बहुत कुछ सीखने को मिला साथ आत्मविश्वास भी डेवलप हो जिसकी वजह से वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर परफॉर्म कर पाए.
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन इलाके की गौर कैस्केड सोसाइटी में रहने वाली महिपाल सिंह नेवी से रिटायर्ड है. नेवी से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया. तकरीबन डेढ़ दशक तक बिजनेस से जुड़े रहे लेकिन जब उम्र 60 के करीब पहुंची तो बेटों ने कहा अब आराम कीजिए. सब कुछ हम संभाल लेंगे. सभी जिम्मेदारियां हम संभाल लेंगे. आप अब सुकून की जिंदगी बिताइए और अपनी ख्वाहिशों को पूरा करिए.
स्लो रनिंग से बढ़ी दौड़ में रुचिः महिपाल सिंह बताते हैं कि करीब तीन साल पहले उन्होंने मॉर्निंग वॉक शुरू की थी. फिर धीरे-धीरे उनकी स्लो रनिंग में रुचि बढ़ने लगी. सोसाइटी में स्लो रनिंग करने वाले महिपाल सिंह ने फिर एक दिन स्थानीय स्टेडियम ज्वॉइन कर लिया, जहां उन्होंने दौड़ लगानी शुरू कर दी. रास्ते बनते चले गए. शुरुआत में कई महीनों तक जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल हुए. जहां आयोजकों ने उनकी शानदार परफॉर्मेंस देख कर उन्हें राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की सलाह दी. यहीं से महिपाल सिंह का खेलों का सफर शुरू हो गया. एक के बाद एक उपलब्धि हासिल करने के बाद आत्मविश्वास बढ़ता गया.