5 Days Banking संघर्ष मोर्चा नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बैंकों में फाइव डे वीक की व्यवस्था को लेकर बैंक कर्मचारियों ने जंतर मंतर से वित्तिय सेवा विभाग, संसद मार्ग तक कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान 5 दिवस की बैंकिंग को जल्द लागू कराने के लिए वित्तिय सेवाएं विभाग को एक ज्ञापन भी सौंपा. बैंक कर्मचारियों का कहना है कि अभी बैंकों में दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश रहता है. यह दो दिन का अवकाश 1.9.2015 से लागू हुआ था.
बैंक कर्मचारी लंबे समय से 5 दिन की बैंकिंग की मांग कर रहे हैं. 2015 से पहले भी बैंक कर्मचारियों की यही मांग थी, लेकिन सप्ताह के बाकि दिनों में काम का समय बढ़ाने पर सहमती न होने के कारण 5 दिन की बैंकिंग लागू नहीं हो सकी. केवल दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश घोषित हो पाया.
प्रदर्शन में शामिल अश्विनी राणा ने बताया कि बैंक कर्मचारी उसके बाद भी लगातार 5 दिन की मांग कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, रिजर्व बैंक, नाबार्ड और एल.आई.सी. में भी 5 दिन का सप्ताह है. सप्ताह में 5 दिन से जहाँ कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है. वहीं, बैंकों के खर्चों में भी कमी आता है. पर्यावरण की दृष्टि से भी इसका लाभ होता है. वैसे भी आज के डिजिटल बैंकिंग के युग में शनिवार के अवकाश से कोई फर्क नहीं पड़ता.
अश्विनी राणा ने कहा कि फरवरी 2023 में यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) में 5 दिन की बैंकिंग और सप्ताह के बाकी दिनों में काम के समय को बढ़ाने की सहमती हो जाने के बाद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा? बैंक कर्मचारियों की मांग है कि 5 दिन की बैंकिंग को तुरंत लागू किया जाए. वहीं, राष्ट्रीय संयोजक मनमोहन गुप्ता का कहना है कि यह मांग पिछले कई सालों से चली आ रही है. इसको लेकर प्रस्ताव भी पास हो गया लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है.
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