गौरतलब हो कि दिल्ली में आप पार्टी की सरकार 2015 में 14 फरवरी को बनी थी. 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा की 67 सीटें जीतकर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. बता दें कि इस समय केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिर्फ 3 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी.
साल 2013 का चुनाव
सबसे पहले साल 2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीता, हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो महीने में ही इस्तीफा दे दिया था. तब आप पार्टी ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाई. इस समय बीजेपी को 32 सीटें जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं.
विधानसभा द्वारा जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को समर्थन न मिलने पर अरविंद केजरीवाल ने 49 दिनों के बाद ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के सारे उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी, लेकिन 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 67 सीटों के साथ परचम लहराया.
4 साल केजरीवाल
इस बीच केजरीवाल सरकार का शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष जोर रहा. दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में शिक्षा को लेकर काफी काम हुआ है. दिल्ली की सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तरह पढ़ाई हो रही है. साथ ही इनके पाठ्यक्रम में भी बदलाव हुआ है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को खुश रखने के लिए 'हैप्पीनेस करिकुलम' नाम की योजना की शुरुआत की.