नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग की टीम ने 14 साल की लड़की को रेस्क्यू किया है. लड़की को बाल मजदूरी के लिए मजबूर किया जा रहा था. बीते शनिवार को दिल्ली महिला आयोग को संगठन 'सिल्वर सेवन' की तरफ से शिकायत मिली थी कि ग्रेटर कैलाश-1 इलाके में एक 14 साल की लड़की को घरेलू कामगार के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. लड़की को उसकी मर्जी के खिलाफ एक घर में रखा जा रहा था और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
घर वापस नहीं जाना चाहती पीड़िताःदिल्ली महिला आयोग और दिल्ली पुलिस की टीम ग्रेटर कैलाश-1 में घर पर गई और 14 वर्षीय लड़की को बचाया. पीड़िता काफी डरी हुई है और सदमे में है. वह लगातार आयोग और पुलिस की टीम से घर वापस न भेजे जाने की गुहार लगाती रही. लड़की ने बताया कि वह झारखंड के गिरिडीह की रहने वाली है और सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उसके भाई और भाभी उसे परेशान करते थे और अक्सर उसकी पिटाई करते थे. इसलिए वह घर से भाग गई. 2021 में अपने पड़ोसी के साथ दिल्ली आ गई, जिसने उसे राजधानी में नौकरी दिलाने का वादा किया था.
गोविंद नाम के व्यक्ति के जरिए उसे घरेलू काम के लिए एक घर में रखा गया, वो वहां डेढ़ साल से अधिक समय से रह रही थी. घर के मालिक की पत्नी लगातार उसके साथ दुर्व्यवहार करती थी और उसकी पिटाई करती थी. वहीं, जिस घर में पीड़िता काम करती थी उसके मालिक ने बताया कि उसे भारी रकम पर 'खरीदा' गया है और वह उसे जाने नहीं देंगे. उसने कहा कि उसे मात्र 200 रुपये दिए गए थे. लड़की ने बताया कि एक बार उसने अपने चाचा को झारखंड से बुलाया कि वह उसे ले जाए, लेकिन घर के मालिक ने उसे डांटा और उसे अपने साथ नहीं जाने दिया. उसने कहा कि उसने अपनी आपबीती अपने घर आए एक रसोइये के सामने बताई और उसने इसकी जानकारी एक एनजीओ को दी.