पूर्व जिला अध्यक्ष के घर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश नई दिल्ली/गाजियाबादःऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व जिला अध्यक्ष परवेज अख्तर पाशा (Former district president of AIMIM Parvez Akhtar Pasha) के घर पर फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. पुलिस ने यहां पर छापेमारी कर आरोपी नेता समेत कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के कई फर्जी बैंक अकाउंट सामने आने की बात पुलिस को पता चली है, जिसमें भारी मात्रा में नकदी होने की बात भी सामने आई है. पुलिस ने आरोपियों से अन्य सामान भी बरामद किया है.
गाजियाबाद में पकड़े गए एआईएमआईएम के कथित नेता परवेज पाशा के मामले में एआईएमआईएम ने प्रेस रिलीज जारी करके बताया कि अब परवेज पाशा एआईएमआईएम के सदस्य नहीं हैं. इसे गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष मनमोहन गामा ने जारी किया है. उन्होंने बताया कि जिस समय परवेज पाशा ने उन पर हमला किया था, उसी समय एआईएमआईएम के अध्यक्ष की तरफ से परवेज पाशा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी.
एआईएमआईएम के पूर्व जिला अध्यक्ष परवेज अख्तर पाशा का कुछ समय पहले एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने अपनी ही पार्टी के एक अन्य नेता पर गोली भी चलाई थी. जिसके बाद पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह भी निकल कर सामने आ गई थी. उसी परवेज पाशा को अब फर्जी कॉल सेंटर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि उसका कहना है कि वह अब पार्टी का सिर्फ एक कार्यकर्ता है.
मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के डीएलएफ कॉलोनी का है, जहां पर पुलिस ने रेड करके एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. पुलिस जब इस मकान पर पहुंची तो यहां दर्जनभर से ज्यादा मोबाइल फोन रखे थे. कुछ लोग कॉलिंग कर रहे थे और लोगों को अपने जाल में फंसा रहे थे. कई संदेहास्पद ऐप इन मोबाइल फोन में डाउनलोड किए थे. आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि आरोपी फोटोशॉप ऐप से फर्जी आधार कार्ड और अन्य संबंधित दस्तावेज तैयार करके सिम ले लिया करते थे.
उन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट भी खुलवाए गए थे. लोगों को मोबाइल फोन से कॉल करके सस्ते लोन और पॉलिसी उपलब्ध कराने का झूठा दिलासा देते थे और यूपीआई के माध्यम से अपने अकाउंट में रुपए डलवा लिया करते थे. मुख्य रूप से जरूरतमंद लोग ही इनका शिकार बने थे.
पुलिस ने आगे की जानकारी की तो पता चला कि जिस मकान में यह कॉल सेंटर चल रहा था, वह मकान परवेज अख्तर पाशा का है जो एआईएमआईएम का पूर्व जिला अध्यक्ष भी था. उसने खुद को राजनीतिक पार्टी का हवाला देकर पुलिस से बचाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ सबूत एकत्रित किए और उसके साथ उसके तीन अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया. परवेज पाशा पर पहले भी कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. हाल ही में उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने यूपी में अपनी पार्टी की बैठक के दौरान पार्टी के ही एक नेता पर गोली चला दी थी जिसके बाद जमकर बवाल मचा था.
डीसीपी ट्रांस हिंडन ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किए गए हैं, जिनसे चार लग्जरी कारें, 13 मोबाइल और दर्जनभर डेबिट और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं. इसके अलावा साइबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल इक्विपमेंट बरामद किए गए हैं. आरोपियों ने बताया कि यह किसी भी रैंडम नंबर पर कॉल करते थे और लोगों को सस्ती बीमा पॉलिसी और लोन दिलाने के नाम पर फंसा लेते थे, जो लोग इनके झांसे में आते थे, उनसे यह कुछ रकम ट्रांसफर करवा लेते थे. फर्जी दस्तावेजों से खोले गए बैंक अकाउंट में रकम ट्रांसफर कराई जाती थी. इसके बाद मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता था. साइबर क्राइम पुलिस को इस बारे में तीन एप्लीकेशन प्राप्त हुई थी, जिसमें जांच की गई और कॉल सेंटर को पकड़ा गया.
डीसीपी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि मामले में पकड़े गए चारों आरोपियों के नाम विनोद कुमार अरोड़ा, अमन, परवेज अख्तर पाशा और सौरभ है. परवेज अख्तर पाशा के मकान में ही यह सब चल रहा था. डीएलएफ कॉलोनी में यह मकान है. डीसीपी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि पिछले काफी समय से आरोपी इस गोरखधंधे को कर रहे थे. उनके मुताबिक चारों आरोपी पहले भी अपराध में शामिल रहे हैं. इसमें से दो आरोपियों ने अलग-अलग जगह बदल कर इसी तरह का क्राइम किया है.
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उन्होंने कहा कि मामले में परवेज पाशा पर भी नौ मुकदमे दर्ज हैं. डीसीपी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपियों ने अब तक सैकड़ों लोगों को शिकार बनाया है. आरोपी जो रुपए कमाते थे, उससे लग्जरी लाइफ जिया करते थे. मुख्य रूप से लग्जरी गाड़ियों में रुपए खर्च किया करते थे. उनका कहना है कि आरोपियों के अकाउंट डिटेल अभी भी खंगाले जा रहे हैं, जिसमें काफी ज्यादा नकदी होने की बात सामने आई है. हालांकि, जिस समय पुलिस अधिकारी इस बात को बता रहे थे, उसी समय पुलिस की गिरफ्त में खड़े हुए परवेज पाशा से पूछा गया तो उसने बोला कि उस पर जो भी मुकदमे दर्ज हैं. वह राजनीतिक साजिश के तहत दर्ज कराए गए हैं.