नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली जिला की महिला पुलिसकर्मियों (delhi women police) के लिए पटपड़गंज के एक अस्पताल में स्वास्थ्य जांच कैंप लगा. इसमें डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा एक आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के बारे में बताया गया. महिलाओं से उन सभी स्वास्थ्य समस्या पर खुलकर बात की गई, जो अमूमन वे घर परिवार में नहीं करती हैं.
कार्यक्रम में डॉ. सुषमा ने बताया कि लगभग तीन में से एक महिला को अपने जीवनकाल में पेल्विक फ्लोर डिसऑर्डर (पीएफडी) की दिक्कतें होती हैं. मूत्राशय पर नियंत्रण की समस्याएं या आंत्र नियंत्रण की समस्याएं हो सकती हैं. उम्र बढ़ने, हार्मोनल परिवर्तन, पारिवारिक इतिहास और प्रसव महिलाओं को पेल्विक फ्लोर की समस्याओं की ओर अग्रसर कर सकते हैं. महिलाओं को आमतौर पर अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करने की आदत होती है और इन दिनों कई युवा महिलाओं में कम उम्र में ही कई समस्याएं हो जाती हैं.
फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. कविता सिंह ने कहा कि नियमित व्यायाम से मूत्राशय संबंधित समस्याओं में मदद और आंत्र नियंत्रण में सुधार होता है. साथ ही प्रोलैप्स (महिलाओं में) के जोखिम को कम करना, प्रसव और सर्जरी (महिलाओं में) से बेहतर रिकवरी, सामाजिक आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है.
पोषण विशेषज्ञ नेहा गुप्ता द्वारा पुलिस में काम कर रही महिलाओं के साथ मूत्राशय में अनियमितता यानी असंयमिता को कम करने के लिए एक आहार गाइड को साझा किया गया. साथ ही एक खुश और स्वस्थ योनि तल की मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार तालिका को भी साझा किया गया.
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