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गाजियाबाद: गैंगरेप का आरोप लगाने वाली महिला अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने कथित गैंगरेप (ghaziabad gang rape case) का आरोप लगाने वाली महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले पुलिस ने मामले में यह दावा किया था कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप फर्जी थे.

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Published : Oct 22, 2022, 9:18 PM IST

Published : Oct 22, 2022, 9:18 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 9:52 PM IST

ghaziabad gang rape case
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नई दिल्ली:गाजियाबाद पुलिस ने कथित गैंगरेप (ghaziabad gang rape case) का आरोप लगाने वाली महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं पुलिस ने मामले में यह दावा किया था कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप फर्जी थे. पुलिस ने का दावा किया था कि महिला और उसके साथियों ने संपत्ति विवाद का समाधान करने के लिए गैंगरेप की झूठी कहानी बनाई थी.

पुलिस ने बताया कि महिला के मित्र आजाद और उसके दो साथियों को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया आजाद की लोकेशन ठीक उसी जगह पर पाई गई थी जहां पर महिला कथित रूप से बेसुध हालत में मिली थी. वहीं पुलिस ने महिला की जिद पर उसे जीटीबी अस्पताल में कराया था. जांच में सामने आया कि महिला के साथ रॉड वाली घटना गलत थी. पुलिस को यह भी शक था कि जिस बोरी में महिला मिली है उस बोरी को भी गैंगरेप की कहानी को सही साबित करने के लिए मौके पर रखा गया था.

वहीं आजाद की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हुआ कि वह महिला का मित्र है और उसपर पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं. कहा जा रहा है कि आजाद का एक संपत्ति विवाद चल रहा था जिसका समाधान करने के लिए उसने महिला के माध्यम से तीन लोगों पर गैंगरेप करने का आरोप लगाया था. शनिवार को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के तुरंत बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

स्वाति मालिवाल का ट्वीट

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इससे पहले पुलिस ने जब महिला द्वारा झूठ बोले जाने का खुलासा किया था तब कथित गैंगरेप के आरोपियों के परिवार के सदस्यों ने भी पुलिस का धन्यवाद किया था. वहीं इस मामले में दिल्ली कमिशन ऑफ वूमेन की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के ट्वीट को लेकर भी बवाल मचा था जिन्होंने यह कहा था कि महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाला गया था. पुलिस एक-एक करके मामले की कड़ियां जोड़ रही है, और इसी कड़ी में अब महिला को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं, स्वाति मालीवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मामले के तथ्यों को देखने और मामले की गहराई से जांच कराने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर मामले की जांच करने की मांग की थी. यदि संदेह से परे यह साबित हो जाता है कि लड़की पुरुषों के खिलाफ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थी और वह पीड़ित नहीं है, बल्कि अपराधी है. तो महिला के खिलाफ धारा 182 आईपीसी के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

Last Updated : Oct 22, 2022, 9:52 PM IST

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