नई दिल्ली:भारतीय जनता पार्टी के रोहताश नगर से विधायक जितेंद्र महाजन को बड़ी राहत मिली है. उन पर लगाए गए वसूली के आरोप झूठे पाए गए हैं. पुलिस ने महाजन पर दर्ज मुकदमे की जांच के दौरान पाया कि उनके खिलाफ एक साजिश के तहत केस दर्ज कराया गया था. पुलिस ने शिकायतकर्ता बसंत गोयल और उसके साथी गौरी शंकर को गिरफ्तार कर लिया है.
गिरफ्तारी को लेकर धरना प्रदर्शन: विधायक जितेंद्र महाजन एफआईआर दर्ज होने के बाद वह लगातार आम आदमी पार्टी के निशाने पर थे. आप बीजेपी विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी कर रही थी.
फर्जी निकला केस: उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी डॉ जॉय टिर्की ने बताया कि ज्योति नगर थाना पुलिस ने दवा कारोबारी बसंत गोयल के बेटे संदीप गर्ग की शिकायत पर उनके कार्यालय के बाहर अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली चलाने के आरोप पर मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद बसंत गोयल की शिकायत पर 28 मई को ज्योति नगर थाने में एफआईआर दर्ज किया गया. उनका आरोप था कि किसी ने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया और 2 करोड़ रुपये की मांग की और विधायक जितेंद्र महाजन के नाम का इस्तेमाल किया.
साजिश के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा: डीसीपी ने बताया कि दोनों मामलों की जांच के दौरान, यह पाया गया कि बसंत गोयल और उनके सहयोगियों द्वारा दोनों ही मामलों को दर्ज कराने के लिए एक साजिश रची गई थी. उन्होंने बताया कि दोनों ने घटनाओं में अपनी-अपनी भूमिका स्वीकार की है. इन मामलों में अन्य सहयोगियों और सह-साजिशकर्ताओं को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इंजेक्शन में गड़बड़ी का लगाया था आरोप:विधायक जितेंद्र महाजन के खिलाफ हुई इस साजिश को उनके द्वारा 28 मार्च को दर्ज कराए गए उस केस से जोड़कर कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने दवा कारोबारी के खिलाफ करवाई थी. महाजन ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने पिता के कैंसर के इलाज के लिए बसंत गोयल की दवा दुकान से 8 जनवरी 2022 को 2.35 लाख की इंजेक्शन खरीदी थी. 13 जनवरी 2022 को इंजेक्शन लगाया गया और 26 फरवरी को उनके पिता की मौत हो गई. मौत के बाद विधायक ने इंजेक्शन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दवा दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच पुलिस अभी कर रही है.
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