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Delhi NCR POLLUTION: दिल्ली एनसीआर में आनंद विहार सबसे प्रदूषित, Red Zone में AQI - दिल्ली एनसीआर का औसत प्रदूषण स्तर

दिल्ली में लोगों को प्रदूषण से कुछ राहत मिली है. बुधवार को प्रदूषण स्तर में बड़ी गिरावट के बाद गुरुवार को एक बार फिर से प्रदूषण स्तर में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. गुरुवार को दिल्ली एनसीआर का औसत प्रदूषण स्तर 206 AQI दर्ज किया गया है.

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Published : Feb 9, 2023, 11:34 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में गुरुवार को बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बुधवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. AQI 200 के नीचे पहुंच गया था लेकिन गुरुवार को फिर दिल्ली एनसीआर की एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा देखने को मिला है. दिल्ली का औसत प्रदूषण स्तर 206 AQI दर्ज किया गया, जबकि गाजियाबाद का 152, नोएडा का 140 AQI दर्ज किया गया है. दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित क्षेत्र आनंद विहार है. आनंद विहार का AQI 372 दर्ज किया गया है जो कि रेड जोन में है.

दिल्ली के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर 126
शादीपुर 218
डीटीयू दिल्ली 143
आईटीओ दिल्ली 223
सिरिफ्फोर्ट 143
मंदिर मार्ग 264
आरके पुरम 138
पंजाबी बाग 139
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 127
नेहरू नगर 154
द्वारका सेक्टर 8 159
पटपड़गंज 152
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 132
अशोक विहार 154
सोनिया विहार 136
जहांगीरपुरी 196
रोहिणी 172
विवेक विहार 170
नजफगढ़ 112
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 131
नरेला 154
ओखला फेज 2 134
मुंडका 177
श्री औरबिंदो मार्ग 132
बवाना 171
आनंद विहार 317
IHBAS दिलशाद गार्डन 162

गाजियाबाद के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 161
इंदिरापुरम 125
संजय नगर 129
लोनी 123

नोएडा के इलाकों में प्रदूषण का स्तर

नोएडा के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62 139
सेक्टर 125 125
सेक्टर 1 129
सेक्टर 116 126

Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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