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पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी तक जारी रहेगी हड़ताल, वकीलों ने दी चेतावनी - प्रदर्शन

शाहदरा बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल रउफ ने बताया कि दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में वकील हड़ताल पर हैं. ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक वकीलों को इंसाफ नहीं मिलता.

पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी तक जारी रहेगी हड़ताल-वकील

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Published : Nov 4, 2019, 7:10 PM IST

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में वकील पर चली गोली की घटना को लेकर सोमवार को जिला अदालतों में हड़ताल रही. इस दौरान सोमवार को वकीलों ने कड़कड़डूमा में भी हड़ताल रखी. अधिवक्ताओं की मांग है कि जब तक उन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं होगी जिन्होंने गोली चलाई थी और एसीपी-डीसीपी का निलंबन नहीं होगा हड़ताल जारी रहेगी.

वकीलों ने दी चेतावनी

कड़कड़डूमा अदालत में सोमवार को अधिवक्ताओं ने हड़ताल की. हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद भी इस हड़ताल को जारी रखा गया है. शाहदरा बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव प्रवीण चौधरी ने कहा कि इस मामले में अभी तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है. एक तरफा वकीलों को दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि वकीलों को चैम्बर में घुसकर पीटा गया. उन पर गोली चलाई गई. इसके बावजूद पुलिस पर कोई ठोस एक्शन नहीं हुआ.

पुलिसकर्मियों के गिरफ्तार होने तक जारी रहेगी हड़ताल
शाहदरा बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल रउफ ने बताया कि दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में वकील हड़ताल पर हैं. ये हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक वकीलों को इंसाफ नहीं मिलता. सबसे पहले उन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जाए जिन्होंने वकील पर गोली चलाई.

अधिवक्ता सुनील सिंह ने बताया कि आज अदालत से पुलिस ही नदारद है. आज वकीलों को उनसे ही खतरा है जिनके ऊपर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. उन्होंने निहत्थों पर गोली चलाई है, इसलिए उनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए.

कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में होगा फैसला
बार एसोसिएशन के सचिव रमन शर्मा ने बताया कि इस मामले में हाइकोर्ट की डायरेक्शन से वो संतुष्ट हैं. लेकिन इस मामले में हमलावर पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही. पुलिस ने ही हमला किया और वहीं मामले की जांच कर रही है. इस मुद्दे को लेकर कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक आज शाम को होगी जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.


अदालत में नहीं दिखी कोई सुरक्षा
कड़कड़डूमा अदालत में सोमवार को किसी प्रकार की पुलिस सुरक्षा नहीं थी. यहां पर पुलिस एवं अधिवक्ताओं के बीच चल रहे तनाव के चलते वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा को अदालत से हटा लिया है. यहां तक कि अदालत के कामकाज में हाथ बंटाने वाले नायब कोर्ट (पुलिसकर्मी) भी अदालत नहीं पहुंचे हैं.

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