नई दिल्ली: दिल्ली का रामलीला मैदान लाल रंग के झंडे से पटा दिखाई दे रहा है. यहां देश भर से कई संगठनों के बैनर तले किसान पहुंचे और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरी. सभी का एक ही स्वर था अगर केंद्र की मोदी सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो साल 2024 में देश से मोदी सरकार को हटाने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन का मकसद होगा बस एक प्रधानमंत्री की कुर्सी से मोदी को हटाया जाए. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित रामलीला मैदान में ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईजीडब्ल्यूयू) के तत्वावधान में इस मैदान में किसान संघर्ष रैली का आयोजन किया गया. आइए जानते हैं इनकी इस रैली के पीछे कौन कौन-सी मांगें हैंः
किसानों की मुख्य मांगेंः
- फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम हो.
- 26000 रुपए महीना न्यूनतम वेतन लागू किया जाए.
- पुरानी पेंशन योजना को लागू की जाए.
- सार्वजनिक क्षेत्रों में निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए.
- काम का ठेकाकरण बंद किया जाए.
- कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- मनरेगा में 200 दिन का रोजगार और 600 रुपए दिहाड़ी दी जाए.
गर्मी ने छुड़ाए किसानों के पसीनेःदिल्ली में बुधवार को गर्मी का असर किसान के रामलीला मैदान में आयोजित धरना में भी देखने को मिला. सुबह 10 से 11 बजे के बीच जो भीड़ थी. वह दोपहर 12 और एक बजे के बीच आधी से ज्यादा खाली हो गई. यहां पर किसानों को खुले आसमान के नीचे बैठना दुभर हो गया. एक तरह जहां तेज धूप से किसानों के कंठ सूखते रहे, वहीं पीने के पानी के लिए किसान तरसते दिखे. यहां दिल्ली सरकार के द्वारा जो पानी का टैंकर उपलब्ध कराया गया. वहां भारी भीड़ देखने को मिली. धूप से खुद को बचाने के लिए किसान पेड़ की छांव में बैठे दिखे. वहीं, जो लोग रामलीला मैदान के बाहर थे, वह भी अंदर आने की बजाय वापस घर लौटने लगे.
मंच पर किसान नेता संबोधित कर साधा सरकार पर निशानाः किसान संघर्ष रैली के लिए रामलीला मैदान में मंच तो बड़ा बनाया गया, लेकिन दोपहर 2 बजे तक कोई बड़ा किसान का नेता नहीं दिखाई दिया. यहां पर तमिलनाडु, केरल, बंगाल, बिहार, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से लोग थे. यहां उनके प्रतिनिधियों ने मंच से संबोधित किया. किसान के एक प्रतिनिधि सुभाष लांबा ने कहा कि देश की मोदी सरकार में किसान दम तोड रहे हैं देश में एक तानाशाह की सरकार है. हमें यहां से संकल्प लेना है अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो साल 2024 में केंद्र से मोदी सरकार को हटाना है.