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CCA पर संग्राम जारी! 'मोदी सरकार लोगों को बांटने का रही है काम' - ईटीवी भारत

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोगों ने कहा कि सीएए गरीबों मजदूरों और किसानों के विरोध है. देश में जरूरी मुद्दों बेरोजगारी महंगाई स्वास्थ्य क्राइम पर कोई ध्यान नहीं है और गैरजरूरी मुद्दे जैसे सीएए एनआरसी खड़े किए जा रहे हैं, जो इस सरकार की विफलता को साबित करता है.

Special talk with common people of ETV bharat
ईटीवी भारत ने की आम लोगों से खास बातचीत

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Published : Dec 23, 2019, 8:29 PM IST

नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर ईटीवी भारत ने कुछ अहम मुसलमानों से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि सीएए गरीबों मजदूरों और किसानों के विरोध है. साथ ही उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रों पर हुई बर्बरता की कड़े शब्दों में निंदा की.

ईटीवी भारत ने की आम लोगों से खास बातचीत

'देश को बचाने की लड़ाई'
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर मोहम्मद मंजूर आलम ने कहा कि मोदी सरकार लोगों को बांटने का काम कर रही है. और यह सरकार लोगों में जज्बाती बंटवारे करने के लिए कानून लेकर आई है. डॉक्टर मंजूर ने यह भी कहा कि छात्रों के ऊपर की गई पुलिस की तरफ से कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री ने निंदा की है लेकिन वही पुलिस ने जिस बर्बरता का सुबूत पेश किया है और निहत्थे छात्रों पर लाठियां बरसाईं है उनका कोई जिक्र नहीं किया. यह बेहद अफसोस के काबिल है.
मिल्ली काउंसिल के जिम्मेदार मंजूर आलम का यह भी कहना था कि सबसे अधिक अहम लड़ाई इस वक्त देश को बचाने की है, और भारत की जनता को कोई नहीं डरा सकता, सभी को एक साथ लड़ना होगा.

'आर्थिक मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास'
दिल्ली हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन हाजी डॉक्टर मोहम्मद परवेज मियां ने कहा कि भारतीय मुस्लिम कोई दुर्घटनावश मुस्लिम नहीं हुए हैं बल्कि भी अपनी मर्जी से भारतीय मुस्लिम है, परवेज मियां ने यह भी कहा कि लोगों का ध्यान आर्थिक मुद्दों से हटाने का यह प्रयास है. एनआरसी और सीए भारतीय विरोधी है और हम लोग इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं.

'जरूरी मुद्दों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं'
एएमयू के साइकॉलजी के टीचर डॉक्टर मोहम्मद शाह आलम ने दावा किया कि यह कानून असंवैधानिक और विभाजन कराने के लिए है, क्योंकि इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है. डॉक्टर शाह ने यह भी कहा कि सीएएए संविधान के आर्टिकल 14 के विरुद्ध है. जिसमें कहा गया है कि धार्मिक आधार पर फैसला करना गलत है. हालांकि दूसरी तरफ देश में जरूरी मुद्दों बेरोजगारी महंगाई स्वास्थ्य क्राइम पर कोई ध्यान नहीं है और गैरजरूरी मुद्दे जैसे सीए एनआरसी खड़े किए जा रहे हैं, जो इस सरकार की विफलता को साबित करता है.

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